क्या आप सोच सकते हैं कि हमारे संस्कार, तप, आराधना, संयम और नियम के बारे में सिखाने के लिए भी कोई शिविर आयोजित हो सकता है, जिसमें बच्चे ही नहीं बल्कि बड़े भी एक-दो दिन नहीं बल्कि पूरे 50 दिनों तक संत जैसा जीवन जीने के साथ ही पंखे, बिस्तर, मोबाइल और परिवार का मोह त्याग कर यह सीखने की कोशिश करते हैं कि धर्म की राह पर चलते हुए साधु-संतों को आखिर किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। प्रभु भक्ति का यह मार्ग आखिर कितना कठिन है। धार्मिक नगरी उज्जैन में आगामी 14 अप्रैल से एक ऐसा ही शिविर आयोजित होने वाला है, जिसमें उज्जैन जिले या संभाग नहीं, बल्कि पूरे देश भर के लोग इस शिविर में शामिल होंगे। 

बड़नगर रोड स्थित श्री कल्याण मंदिर नवग्रह 45 जिनालय महातीर्थ अभ्युदयपुरम् जैन गुरुकुल में 14 अप्रैल 2024 रविवार से 50 दिनी उपधान तप प्रारंभ होने जा रहे हैं, जिसमें शामिल होने वाले 6 वर्ष के बच्चों से 80 वर्ष तक के वर्द्धजन जैन साधु संतों जैसा जीवन जीएंगे, जिसमें न बिजली उपकरण का उपयोग होगा और न ही बिस्तर पर विश्राम। अभ्युदयपुरम् के संस्थापक डॉ. आचार्य श्री मुक्तिसागर सूरिश्वर महाराज ने इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि गृहस्थ जीवन में रहते हुए भी कुछ समय के लिये संत जैसा जीवन जीने का नाम ही उपधान तप साधना है। आचार्य श्री ने बताया कि अप्रैल और मई स्कूली बच्चों के लिये फ्री टाइम होता है। स्कूल जून महीने में प्रारंभ होती है, अतः स्कूली बच्चे इस तप साधना में विशेष तौर से जुड़े और हमारे संस्कारों के बारे में सीखें। यही इस शिविर का मुख्य उद्देश्य है।

महाराज श्री ने शिविर के बारे में जानकारी देते हुए आगे बताया कि शिविर के दौरान सभी शिविरार्थियों को सुबह 4 बजे उठाकर प्रतिक्रमण करवाया जाएगा। उसके बाद परमात्मा की भक्ति, ज्ञान साधना, प्रवचन सुनने के साथ ही उपवास भी करवाए जाएंगे। शिविर के दौरान 48 घंटे यानी पूरे दो दिन और दो रात ऐसे भी आएंगे, जब शिविरार्थियों को मात्र एक ही बार एक बैठक पर ही भोजन ग्रहण करते हुए शेष समय संपूर्ण रूप से ध्यान, साधना, स्वाध्याय आदि के साथ प्रभु भक्ति में बिताना होगा। यह शिविर 14 अप्रैल से प्रारंभ होकर 2 जून को मालारोपण के साथ इसकी परिसमाप्ति होगी। बताया जाता है कि अब तक मालवा, मेवाड़, राजस्थान, गुजरात आदि से अनेक साधकों की ओर से प्रवेश पत्र भरे जा चुके हैं।

लड़कियों और महिलाओं को संस्कारित करने का कार्य करेगी पूज्य साध्वी

इस तप साधना मे लड़कियों और महिलाओं को संस्कारित करने का कार्य पूज्य साध्वीजी श्री पद्मलता श्रीजी एवं साध्वी श्री शीलेरखा श्री महाराज आदि 28 साध्वी महाराज करेंगे। सुबह शाम वशिष्ट क्रिया करवाने का कार्य आचार्यश्री के विनीत शिष्य जाप ध्यान निष्ठ आचार्यश्री अचल मुक्तिसागर सूरिजी करेंगे।