बे एक वट बृक्ष की तरह है जैसे परिवार मे कोई बुजुर्ग... जो अपनी तमाम मसरूफियतों के बावजूद अपनी नजर सव पर बराबर रखते हैं। वे शांत है लेकिन कमजोर नहीं... उनकी जड़ें उनके अपने आदर्श और सिद्धातो की तरह बड़ी गहरी है... हवायें कितनी भी रौद्र क्यो न हो जावें उनकी शाखाएं उनके मन की उदारता की तरह झुक जरूर जाती है लेकिन उन्हे, उनकी जड़ो की गहराइया और जन-जीवन पर मजबूत पकड़ टस से मस नही होने देती है। उन तक आने बाले इस वट वृक्ष की के घने और विशाल आकार की छाया में ठहर सकते है--- विश्राम कर सकते है. जीवन की धूप जैसी तल्खियों से निजात पा सकते है। एक वट वृक्ष की तरह ही वे श्रद्धा के केन्द्र बने हुए है. हमारी भारतीय संस्कृति में वृक्ष-पूजन का जीवंत साक्ष्य है वट वृक्ष- लोक मानस में वट बृक्ष की ही तरह ही उनके प्रति जन विश्वास पूरी गहराई तक बना हुआ है। अगाध निष्ठा का केन्द्र है ये वट वृक्ष माननीय श्री विष्णु खत्री ने अपने राजनीतिक जीवन और सत्ता के साकेत में रहते हुए जिस धीरता संवेदनशीलता और अपनत्त का परिचय दिया है। वह विरला तो नही पर अनूठा है। यही है जो उन्हे वृक्ष जैसी विशालता देता है उनके आचरण से लोगो को शीतलता और सुरक्षा का भाव पैदा होता है बैरसिया विधानसभा क्षेत्र माने विकास पिछडापन था । यह दुर्भाग्यपूर्ण था लेकिन हकीकत थी।

बड़े कद्दावर और प्रभावशाली नेता इस क्षेत्र में रहे, पर बैरसिया की पहचान नहीं बनी। बैरसिया विधानसभा अब अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है इस विधानसभा में अब तक 15 बार चुनाव हो चुके हैं और सिर्फ दो बार कांग्रेस जीती बैरसिया का राजनितिक इतिहास मध्य प्रदेश गठन के बाद बर्ष 1957 में चुनाव हुए तो कांग्रेस ने भगवानसिंह को टिकिट दिया वे विजयी होकर सदन पहुंचे, लेकिन क्षेत्र में हिंदुत्व की लहर थी इसलिए वर्ष 1962 में अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के भैया लाल विधायक चुने गए, इसके बाद जनसंघ बनी तो वर्ष 1967 के चुनाव में लक्ष्मीनारायण शर्मा ने जीत दिलाई अगली बार किसी कारण से लक्ष्मीनारायण शर्मा को टिकिट नही दिया और उनके स्थान पर 1972 में गौरी शंकर कौशल को भारतीय जनसंघ ने चुनाव लड़ाया और वह विजयी रहे, हिदुत्व बिचारधारा की जीत का सिलसिला यही नही रुका, वर्ष 1977 में जब जनता पार्टी बनी तो गौरी शंकर कौशल को दोबारा चुनाव में उतारा और वे फिर विजयी रहे, इसके बाद भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ और बर्ष 1980 में टिकिट मिला लक्ष्मीनारायण शर्मा को इसके बाद लक्ष्मीनारायण शर्मा ने लगातार 1993 तक यानी चार बार विधायकी भाजपा को जिताई कांग्रेस का सूखा ख़त्म हुआ वर्ष 1998 में जब टिकिट जोधाराम गुर्जर को दी गई, उन्होंने जीतकर कांग्रेस को मजबूत करना शुरू कर दिया दरअसल उनकी यह जीत पिछड़ा वर्ग के वोटों से संगठित होने से हुई, भाजपा ने जब सीन बदलते देखा तो वर्ष 2003 में राजपूत प्रत्याशी भक्तपालसिंह को टिकिट दिया जो की पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं में अच्छी खाशी पकड़ रखते थे और परिणाम भक्तपालसिंह चुनाव जीत गये लेकिन वर्ष 2008 बैरसिया सीट रिजर्व हो गई और भाजपा ने आरक्षित वर्ग के ब्राम्हानंद रत्नकर को पहली बार टिकिट दिया और उन्होंने कांग्रेस के हीरालाल को हरा तो दिया लेकिन बैरसिया का विकास फिर भी नही हुआ!

फिर 2013 में भारतीय जनता पार्टी ने विष्णु खत्री को मौका दिया खत्री ने कांग्रेस के महेश रत्नाकर को हराकर विधानसभा पहुंचे 2018 में फिर दूसरी बार विष्णु खत्री को ही प्रत्याशी बनाया कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी जयश्री हरिकारण को मैदान में उतारा, लेकिन तब तक विष्णु खत्री ने क्षेत्र में निरंतर विकास का मंत्र लेकर विकास अपनी विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीणों के बीच हर सुख दुःख में साथ रहकर चाहे कोरोना काल हो य बरसात की बाड़ हो भरी बरसात में लोगों के बीच रहने बैरसिया विधानसभा को विकास के पथ पर ले जाकर दूसरी बार भी अपनी जीत को बरकरार रखा तीसरी बार 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जयश्री हरिकारण को टिकिट दिया उसके बाद भरतीय जनता पार्टी ने विष्णु खत्री पर भरोसा जताया उसके बाद उन्होंने निरंतर तीसरी वार अपनी विजय को बरकरार रखा! लक्ष्य के प्रति जो जुनुन और समर्पण विष्णु खत्री में है वह बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के विकास के रूप में चप्पे चप्पे में नजर आता है। समूचे बैरसिया विधानसभा क्षेत्र को मान चित्र में एक स्पष्ट और चटखदार पहचान दिलाने में विष्णु खत्री की अभूतपूर्ण भूमिका है विष्णु खत्री की प्रतिवद्धता और संकल्पवद्धता के चलते विकास के सैकड़ो ऐसे छोटे बड़े काम है जिससे बैरसिया विधानसभा क्षेत्र का चेहरा बदल दिया है। विष्णु खत्री ने बैरसिया विधानसभा क्षेत्र की आर्थीक सामाजीक सास्कृतिक तथा पर्यटन विकास स्वास्थ्य शिक्षा सड़क को प्राथमिकता में रखा है। उठते बेठते बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के विकास का सपना देखने बाले विष्णु खत्री ने अपने विधायकी कार्यकाल में कई उपलव्धियां अपने नाम दर्ज की है। अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिये उनके ड्रीम प्रोजेक्ट्स नजीराबाद य रुनाहा में महाविद्यालय कालेज बनबाना है युवाओं को रोजगार के लिए रुनाहा में उड़द्योग लगाना बैरसिया विधानसभा क्षेत्र का चौतरफा विकास में विष्णु खत्री ने विशेष रुची ली है।उन्हीने और सड़को का जाल भी अपने क्षेत्र में विछाया है!योग्य कुशल प्रबंधन प्रशासनिक क्षमता के धनी विष्णु खत्री को जब भी जो जिम्मेदारी शौपी गई उन्होंने अपने प्रबंधन कौशल का बेहतर प्रदर्शन किया क्षेत्र में विकास बेहतर प्रबंधन से राष्ट्रीय राजनेताओ के सामने विष्णु खत्री ने अपनी पहचान को नये आयाम दिये। विना शोरगुल के काम की नीती पर वे चले संगठन मे महत्वपूर्ण पदो की कसौटी 'पर खरे भी उत्तरे। नेतृत्व के प्रति निष्ठा और और राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के लक्ष्यों को पूरा करने की प्रतिवद्धता विष्णु खत्री की विशेषता है ओहदा उन के लिये कभी पहचान नही वना विष्णु खत्री से ओहदे की पहचान बनी है धीरे गंभीर मानव सेवा के लक्ष्य में एक तपस्वी की तरह सदकार्यो मे लीन रहना उनका लक्ष्य है। उनकी सेवा भावना की तपस्या को कभी किसी पद का लालच भेद करने का सहास ही नही जुटा पाया। लोगों के जीवन में थोड़ी खुशियाँ ला सके और उनके दिलो में यह अहसास जगा सके कि कोई उनका अपना है अपने इस उद्देश्य मे विष्णु खत्री पूरी तरह सफल हैं। उनका एक मात्र लक्ष्य है दायित्वो का कुशलता और पूरी समर्पन भावना से निर्वहन उनका व्यक्तित्व है. जैसे वो खुद कहते हैं है।

 ऐसे अलग अलग कब तक पीड़‌ाओ का बोझा सहे । चलो एक ही जगह बैठकर आपना दर्द कहें|

न्यूज़ सोर्स : गजेन्द्रसिंह सोलंकी गढ़ा प्रधान संपादक दैनिक ग्राम पंचायत चर्चा