बैंक के धोकेबाज़ कर्मचारी बने ठग, उड़ाए 1.68 करोड़, अंदरूनी जांच में पकड़ाए फरेबी

ग्वालियर: भारतीय स्टेट बैंक के पांच अधिकारियों ने म्यूचुअल फंड और एसबीआई लाइफ में निवेश के नाम पर ग्राहकों से 1.68 करोड़ रुपए की ठगी की है। बैंक के दो तत्कालीन मैनेजर, एक महिला सुरक्षा कर्मचारी और एसबीआई लाइफ के एक कर्मचारी समेत पांच लोग 4 साल तक ठगी करते रहे। बैंक की आंतरिक जांच में धोखाधड़ी पकड़ी गई। अब ईओडब्ल्यू भोपाल ने इन पांचों अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच ग्वालियर विंग को सौंप दी है।
एसबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक अरविंद मिश्रा ने ईओडब्ल्यू भोपाल को दी शिकायत में बताया कि एसबीआई की औद्योगिक आस्थान तानसेन नगर (हजीरा) शाखा में ग्राहकों से 1.68 करोड़ रुपए की ठगी की गई है। बैंक के तत्कालीन वरिष्ठ सह प्रबंधक वरुण पाराशर और विजेंद्र सिंह बैस के साथ बैंक सुरक्षा कर्मचारी सोनम शेजवार, सेवानिवृत्त कर्मचारी शरद टंडन और एसबीआई लाइफ के कर्मचारी तेजन अग्रवाल ने मिलीभगत कर लोगों का पैसा हड़प लिया है। इन्होंने निवेश के नाम पर ग्राहकों से पैसे लिए और निवेशकों को फर्जी रसीदें दीं। ये लोग ग्राहकों से वसूले गए पैसे को अपने और रिश्तेदारों के बैंक खातों में जमा करते रहे।
2020 से 2024 तक चलता रहा फर्जीवाड़ा
क्षेत्रीय प्रबंधक मिश्रा ने शिकायत में बताया कि बैंक में चार साल तक ठगी का खेल चलता रहा। शुरुआत में निवेशकों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। अब कुछ लोगों ने निवेश की जानकारी मांगी तो उन्हें ठगी का पता चला। पीड़ितों ने शिकायत की, जिस पर बैंक ने आंतरिक जांच कराई। उसमें बैंक के चार अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आई।
इंस्पेक्टर पारुल चंदेल का कहना है कि एसबीआई के पांच अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। अभी पांच, छह बैंक खातों की ही जानकारी मिली है। इनमें ग्राहकों का पैसा जमा है। जांच शुरू होने पर ठगी की रकम और पीड़ितों की संख्या बढ़ सकती है।