देहरादून । उत्तराखंड में प्राकृतिक प्रकोप दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है।बद्रीनाथ और आसपास के क्षेत्र की जमीन 1 फुट तक नीचे धंस गई है। बद्रीनाथ के मुख्य बाजार में जमीन धंसने के कारण कुछ दुकानों को वहां से हटा दिया गया है। कई स्थानों पर बैरिकेडिंग लगाकर आवागमन को रोका गया है।
उत्तराखंड क्षेत्र में हो रही भारी तोड़फोड़ का असर बद्रीनाथ इलाके में सबसे ज्यादा पड़ा है। मास्टर प्लान के तहत अलकनंदा रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का काम जोर-शोर से चल रहा है। इसका असर यहां पर बड़े पैमाने पर बढ़ रहा है।
प्रोफेसर एसपी सती का कहना है कि मास्टर प्लान के तहत जगह -जगह खुदाई की गई है। इससे जो गड्ढे बने हैं। उसमें पानी का रिसाव तेजी के साथ हो रहा है।जिसके कारण यहां पर जमीन धंसने के मामले बड़ी तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। उन्होंने सरकार को सुझाव दिया है, कि प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा दीवारों का निर्माण जल्द से जल्द कराया जाए। वरना इस क्षेत्र को बचा पाना मुश्किल होगा।
नैनीताल के माल रोड टिफिन टॉप में भी जमीन धंसने के कई मामले सामने आए हैं।माल रोड,टिफिन टॉप और नैना पीक में भी जमीन धंसने के मामलों की जांच की जा रही है। केंद्र एवं राज्य सरकार ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है। नैनीताल की आबादी पर भी बड़ा खतरा देखने को मिल रहा है।
बद्रीनाथ में पांच भैया मोहल्ले का मुख्य बाजार सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।यहां पर आवाजाही को रोक दिया गया है। नारायण पुरी की दुकानों को भी यहां से हटाया गया है। बामणी गांव के पैदल मार्ग में भारी दरारें देखने को मिल रही है। बद्रीनाथ इलाके में अभी भी तोड़फोड़ चल रही है।जिसके कारण यहां के लोगों में भारी दहशत है। स्थानीय प्रशासन और सरकार का कहना है, कि इसका असर 4 धाम की यात्रा पर नहीं पड़ेगा। लेकिन जिस तरह से यहां पर  मकानों की दरारें बढ़ रही हैं। जमीनों पर जगह-जगह दरारें देखने को मिल रही है। उससे लोगों में भय फैल रहा है।