शनि प्रदोष के शुभ योग में शिव पूजा करने से हर तरह के दोष खत्म हो जाते हैं। शनि प्रदोष के दिन व्रत, पूजा और दान करने से सुख और सौभाग्य बढ़ता है। शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं।

उम्र बढ़ती है। संपत्ति और धन लाभ भी होता है। जरूरतमंद लोगों को कपड़े और अन्न दान के साथ ही जूते-चप्पल का भी दान करने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं।

इस समय बन रहा है सूर्य-शनि का अशुभ योग
शुक्ल और कृष्णपक्ष की त्रयोदशी यानी तेरहवीं तिथि को प्रदोष कहा जाता है। शिवपुराण के अनुसार शिवजी की प्रिय तिथि होने से प्रदोष में की गई शिव पूजा का विशेष फल मिलता है। भगवान शिव ही शनि देव के गुरू हैं। 14 जनवरी को सूर्य अपने शत्रु ग्रह यानी शनि की राशि मकर में आने के बाद शनि के ही साथ रहेगा। इन दो ग्रहों से बन रहे अशुभ योग के प्रभाव से बचने के लिए शनि प्रदोष पर शिव पूजा करनी चाहिए। शनि प्रदोष पर की गई शिव पूजा से शनि के अशुभ असर और परेशानियों से बचा जा सकता है।

ये उपाय करें
- पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, शनि प्रदोष के शुभ योग में रुद्राभिषेक और शनिदेव का तेलाभिषेक करने के बाद चांदी के नाग नागिन की पूजा करनी चाहिए। फिर उन्हें पवित्र नदी में बहा देना चाहिए।
- शिवजी का अभिषेक करने से पितृदोष भी खत्म होता है। इसके साथ ही शनिदेव का तेल से अभिषेक करने से भी हर तरह की परेशानियां खत्म हो जाती हैं।
- जब शनिवार को प्रदोष यानी त्रयोदशी तिथि हो तो इस संयोग में की गई पूजा से शनि के अशुभ प्रभाव से होने वाली तकलीफों से राहत मिलती है।
- जो लोग शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढय्या से परेशान हैं उनके लिए 15 जनवरी को आने वाला शनि प्रदोष का दिन बहुत खास है।