इन्दौर । रोमांचकारी सिंधु दर्शन यात्रा सिंधु दर्शन यात्रा 23 से 26 जून तक लेह लदाख स्थित सिंधु नदी के तट पर होगी, इसमें मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों से बड़ी संख्या में समाज के लोग इस यात्रा पर जाएंगे। यात्रा का आयोजन सिंधु दर्शन यात्रा समिति एवं भारतीय सिंधु सभा की ओर से किया गया है। मध्य प्रदेश सिंधी साहित्य अकादमी का भी इसमें सहयोग रहता है। अकादमी यात्र‍ियों के जत्थे के साथ एक सांस्कृतिक दल रवाना करेगी। 
अकादमी के निदेशक राजेश वाधवानी के अनुसार सांस्कृतिक, धार्मिक व सामाजिक एकता का प्रतीक सिंधु दर्शन महोत्सव 23 से 26 जून तक लेह-लद्दाख में पवित्र सिंधु नदी के किनारे आयोजित होगा। यात्रा व महोत्सव में शामिल होने के लिए पंजीयन की आखिरी तारीख 20 मई है। भारतीय सिंधु सभा के राष्ट्रीय महामंत्री भगवानदास सबनानी के अनुसार सिंधु नदी के तट पर लेह लद्दाख मे होने वाले सिंधु महोत्सव मे सनातन पद्धति के अनुसार हवन, सिंधी समाज के इष्ट देव भगवान झूलेलाल जी का बहराणा साहब, आरती और पल्लव होगा, बौद्ध धर्म के अनुसार पूजन होगा एवं राष्ट्रीयता का धर्म अपनाते हुए वहां राष्ट्रगान भी होगा। अलग अलग प्रदेशों से आये हुए कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का भी कार्यक्रम होगा। 
:: सैलानी पर्यटन स्थलों का भी आनंद ले सकेंगे :: 
इस यात्रा में जाने वाले सैलानी पर्यटन स्थलों का भी आनंद ले सकेंगे, जिसमें मुख्य रुप से श्रीनगर की डल झील, गुलमर्ग, सोनमर्ग, बालटाल, जोजिला दर्रा, जीरो पॉइंट होते हुए कारगिल पहुंचेंगे। कारगिल में शहीदों को याद करते हुए कारगिल वॉर मेमोरियल स्थल का भी दर्शन करेंगे। साथ ही मैग्नेटिक हिल, लामायूरु, झँस्कार - सिंधु संगम, श्री पत्थर साहिब गुरुद्वारा मे मत्था टेकते हुए लेह पहुंचेंगे। लेह में चार दिवसीय भ्रमण में पैंगोंग लेक, खारदुंगला टॉप आदि का भ्रमण किया जाएगा। सबनानी ने कहा कि यात्रा का यह 26 वर्ष है कोरोना संक्रमण पिछले दो साल से यात्रा नहीं हो पा रही थी, लेकिन इस बार सिंधु दर्शन यात्रा बेहद रोमांचकारी होने की संभावना है।