भोपाल । वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बन गया है। इस मौसम प्रणाली के शुक्रवार को कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होने की संभावना है। इसके असर से मध्य प्रदेश में एक बार फिर वर्षा का दौर शुरू हो सकता है। प्रदेश में सक्रिय कम दबाव का क्षेत्र राजस्थान पहुंच गया है। इससे अधिकतर जिलों में वर्षा का सिलसिला कुछ थम गया है। पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला के अनुसार, वर्तमान में मानसून ट्रफ राजस्थान में बने गहरे कम दबाव के क्षेत्र से होकर जयपुर, ग्वालियर, वाराणसी, मालदा, मणिपुर होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। अरब सागर में भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। गुजरात के तट से लेकर महाराष्ट्र के तट तक एक अपतटीय ट्रफ बना हुआ है। इसके अतिरिक्त बंगाल की खाड़ी में म्यांमार में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात के शुक्रवार को कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होने की संभावना है। इस मौसम प्रणाली के प्रभाव से शुक्रवार से जबलपुर, शहडोल संभागों के जिलों में वर्षा का सिलसिला शुरू हो सकता है।उधर बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े छह बजे तक उज्जैन में पांच, रतलाम में तीन, जबलपुर में 2.4, खरगोन में दो, भोपाल में 0.6, बैतूल में 0.4, धार में 0.3 मिलीमीटर वर्षा हुई। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश में तीन दिन तक सक्रिय रहने के बाद कम दबाव का क्षेत्र वर्तमान में दक्षिण-पश्चिम राजस्थान में पहुंचकर गहरा कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। मानसून ट्रफ भी ग्वालियर से होकर गुजर रही है। कम दबाव के क्षेत्र के राजस्थान चले जाने के कारण वातावरण में नमी कम होने लगी है। इससे बादल छंटने लगे हैं। बुधवार को भोपाल सहित कई जिलों में धूप भी निकली। इससे लोगों ने कुछ राहत महसूस की। गुरुवार को भी मौसम का मिजाज पूरे प्रदेश में इसी तरह रहने का अनुमान है।