भोपाल । नगर पालिका तथा नगर निगम के चुनाव हो गए हैं। पार्षदों ने शपथ भी ले ली है। पार्षदों के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं होने से, नवनिर्वाचित पार्षदों को बजट के लिए अप्रैल 23 माह तक इंतजार करना पड़ सकता है।
सभी नगरीय निकायों में सरकारी अधिकारी बैठे हुए थे।चुनाव के पूर्व बड़े पैमाने पर काम कराए गए हैं। जिसमें बजट की राशि लगभग लगभग खत्म हो चुकी है। ऐसी स्थिति में पार्षदों को अपने वार्ड में काम कराने के लिए राशि ही उपलब्ध नहीं है। नगरीय निकायों में निर्वाचित परिषद नहीं थी। इसलिए बजट में महापौर, सभापति और पार्षदों के लिए निधि का प्रावधान नहीं किया गया था।
बारिश के मौसम में सभी वार्डों में सड़कों और नालियों की हालत खस्ता है। रोड,नाली, पेविंग ब्लॉक इत्यादि के काम तुरंत कराए जाना है। नगरीय निकायो के पास बजट भी नहीं बचा है। अधिकारियों ने स्वीकृत बजट से ज्यादा के काम करा लिए।वहीं पार्षद निर्वाचित होने के बाद बजट के अभाव में ठन ठन गोपाल हैं।