भोपाल । मध्य प्रदेश जैविक खेती और इससे जुड़े उत्पादों के निर्यात में देश में अव्वल है। प्रदेश में लगातार जैविक खेती का क्षेत्र बढ़ रहा है। वर्ष 2017-18 में 640995.46 हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक खेती हो रही थी। जबकि, वर्ष 2020-21 में यह क्षेत्र बढ़कर 1195577.98 हेक्टेयर से अधिक हो गया है। प्रदेश सोयाबीन, चना, मसूर, तुअर और उड़द के उत्पादन में देश में नंबर एक पर है। वहीं, रामतिल और मूंग में दूसरा और गेहूं और बाजरा के उत्पादन में तीसरा स्थान है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्यों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। शिवराज सरकार भी इस दिशा में काम कर रही है।दरअसल, कोरोनाकाल में जैविक खेती में खूब नवाचार हुए। देश-प्रदेश से घर लौटे कामगारों ने अपने गांव में जैविक खेती अपना रोजगार की नई राहें तैयार की। इसी का नतीजा है कि जैविक खेती के क्षेत्रफल में अप्रत्याशित बढ़ोतरी दर्ज हुई है। करीब सवा चार लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में जैविक खेती कर राजस्थान दूसरे पायदान पर आ गया है। दोनों ही राज्यों में पिछले तीन-चार वर्ष में जैविक खेती का रकबा लगभग दो गुना हुआ है। वहीं देश में जहां वर्ष 2017-18 में कुल 20.34 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में जैविक खेती होती थी। वहीं 2020-21 यह आंकड़ा 38.20 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।

2011 में जैविक कृषि नीति बनाई गई
प्रदेश में 2011 में जैविक कृषि नीति बनाई गई और 2014 में मंडला में निवेशक सम्मेलन भी किया। दरअसल, प्रदेश में जैविक खेती का रकबा (क्षेत्र) तो बढ़ रहा है पर उत्पाद की मार्केटिंग और ब्रांडिंग न होने से उत्पादकों को फायदा नहीं मिल पाता है। इसे देखते हुए कृषि विभाग अब किसान और व्यापारियों को एक मंच पर लाने की दिशा में काम कर रहा है। प्राकृतिक तौर पर मप्र में जैविक खेती का क्षेत्र सर्वाधिक है। वहीं, किसान भी लगातार प्रेरित हो रहे हैं। वर्ष 2020-21 में उत्पादन 13 लाख 92 हजार 95 टन रहा है, जो देश में सर्वाधिक है। इसके बाद महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश का नंबर आता है। जैविक उत्पाद के निर्यात की दृष्टि से देखें तो देश-दुनिया में इसकी मांग बढ़ रही है। मध्य प्रदेश से वर्ष 2020-21 में पांच लाख 636 टन जैविक उत्पाद निर्यात किए गए। इसका मूल्य दो हजार 836 करोड़ रुपये होता है।

जैविक उत्पाद निर्यात में 40 फीसदी बढ़ोतरी
देश से निर्यात होने वाले जैविक उत्पादों की मात्रा और मूल्य दोनों में वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एनपीओपी) के तहत वर्ष 2019-20 में 6.38 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले 2020-21 में 8.88 लाख मीट्रिक टन भारतीय जैविक उत्पाद निर्यात किए गए। निर्यात मूल्य 689.10 से बढ़कर 1040.95 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।