भोपाल । सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन के 12वीं क्लास का शुक्रवार को रिजल्ट आ गया। मध्यप्रदेश टॉप 10 में भी जगह नहीं बना पाया। 90.74 प्रतिशत पासिंग रिजल्ट के साथ 11वें नंबर पर रहा। देश का औसत 92.71 रहा। मध्यप्रदेश का रिजल्ट राष्ट्रीय औसत से भी कम रहा। टॉप में केरल 98.83 के साथ पहले नंबर पर रहा। करीब दो साल बाद स्कूल में आकर छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी। शुक्रवार को ही 10वीं का रिजल्ट भी घोषित किया जा सकता है। देश भर से 14 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं में से 92.74 प्रतिशत बच्चे पास हुए। अभी तक की जानकारी के अनुसार भोपाल के आईईएस पब्लिक स्कूल भोपाल के रिशांत शर्मा पीसीएम ने 97.4 प्रतिशत और आत्रेयी भाटिया ने 97 प्रतिशत माक्र्स हासिल किए। दोनों ने मैथ्स में 100 में से 100 अंक हासिल किए।
इस साल 12वीं में 14 लाख 44 हजार 341 छात्र-छात्राएं बैंठे थे। इनमें से 14 लाख 35 हजार 366 बच्चे परीक्षा में बैठे। 13 लाख 30 हजार 662 छात्र-छात्राएं पास हुए। पास होने का प्रतिशत 92.71 रहा। पिछले साल 99.37 प्रतिशत बच्चे पास हुए थे।
2021 में कोरोना की दूसरी लहर के कारण सीबीएसई को 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी थीं। सीबीएसई के अनुसार, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के कारण 2022 की बोर्ड परीक्षा के लिए स्पेशल स्कीम तैयार की गई है। इसके तहत क्लास 10 और 12 को दो टर्म में बांटा गया है। दोनों टम्र्स के अंत में एग्जाम्स लिए गए। इसमें सिलेबस अलग-अलग रहा।
सीबीएसई ने दो टर्म में परीक्षा आयोजित की। फस्र्ट टर्म के अंत में बोर्ड टर्म-1 एग्जाम लिया गया। यह नवंबर-दिसंबर 2021 में हुआ। केस आधारित एमसीक्यू और असर्श-रीजनिंग टाइप एमसीक्यू भी पूछे गए। हर पेपर का टेस्ट 90 मिनट का रहा। इसमें टर्म-1 के सिलेबस से ही सवाल आए। पूरे सिलेबस के 50; हिस्सा रहा। टर्म-2 या ईयर एंड एग्जाम का आयोजन भी सीबीएसई द्वारा किया गया। शेष 50 प्रतिशत सिलेबस से ही सवाल पूछे गए। यह परीक्षा मई के बीच ली गई। इसमें अलग-अलग तरह के सवाल पूछे जाएंगे। एमसीक्यू, शॉर्ट आंसर टाइप और लॉन्ग आंसर रहे।