आयोग ने आवेदक से मांगी प्रतिक्रिया

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा एक मामले में इंदौर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डा. बी.एस. सेत्या को 6 जनवरी 2022 को आयोग में व्यक्तिशः आकर अपना स्पष्टीकरण देने के लिये कहा गया था। आयोग द्वारा डा. सेत्या को कारण बताओ नोटिस एवं पांच हजार रूपये का जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया था। प्रकरण क्र 6065/इंदौऱ/2020 में कई स्मरण पत्र एवं नामजद स्मरण पत्र देने के बावजूद प्रतिवेदन न देने के कारण डा. सेत्या को आयोग में उपस्थित होने को कहा गया था। आयोग के आदेश पर सीएमएचओ डा. सेत्या गुरुवार, छह जनवरी 2022 को आयोग के समक्ष उपस्थित हुये और शो-काॅज नोटिस का जवाब एवं प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। आयोग ने डा. सेत्या द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन पर आवेदक अरूण जाटव से प्रतिक्रिया मांगी है। अब आवेदक की प्रतिक्रिया मिलने के पश्चात् आगे की कार्यवाही की जायेगी। मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी 2022 को होगी।

 उल्लेखनीय है कि गांधीनगर, पंचायत क्षेत्र, इंदौर निवासी आवेदक श्री अरूण पिता श्री रमेश जाटव ने आयोग को अक्टूबर 2020 में शिकायत प्रस्तुत की थी कि चर्म रोग की एलर्जी के उपचार हेतु वे एमवाय हाॅस्पिटल इंदौर के डा. राहुल नागर के पास गये थे। उनके द्वारा विभिन्न प्रकार की गलत दवाईयां दी गईं, जिससे उनके कूल्हे की एवं ज्वाइंट की हड्डी खराब हो गई। आवेदक ने आयोग से संबंधित डा. के विरूद्व कठोर दंडात्मक कार्यवाही करने एवं उसे एक करोड़ रूपये क्षतिपूर्ति राशि दिलाने की मांग की थी। शिकायत मिलने पर आयोग ने प्रकरण क्र 6065/इंदौर/2020 दर्ज कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, इंदौर को प्रतिवेदन देने के लिये कई स्मरण पत्र भेजे, परंतु ना तो प्रतिवेदन मिला और ना ही उन्होंने कोई जवाब प्रस्तुत किया। इस मामले में आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. बी.एस. सेत्या को छह जनवरी को आयोग के समक्ष व्यक्तिशः उपस्थित होकर जवाब देने को कहा गया था।