इंदौर ।    इंदौर में रामनवमी पर हुए हादसे में मरने वालों की संख्या 35 तक पहुंच गई है। हादसे के 24 घंटे बाद भी गुम व्यक्ति का शव नहीं मिला, तलाश जारी है। अंतिम लापता व्यक्ति के लिए तलाश जारी है। एक बार फिर बावडी से पानी निकालने की तैयारी की जा रही है। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अस्पताल और घटनास्थल का दौरा किया और स्थितियों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री को लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। बता दें, स्नेह नगर के पास पटेल नगर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर परिसर में बनी बावड़ी के ऊपर की छत धंसने से कई लोग बावड़ी में गिर गए थे। पहले यह संख्या 25 बताई जा रही थी, लेकिन गुरुवार सुबह करीब 11.30 बजे की घटना के बाद से शुक्रवार सुबह तक रेस्क्यू अभियान जारी है और इममें से 35 शव निकाले जा चुके हैं। गुरुवार को 18 लोगों को रेस्क्यू अभियान के तहत बचाया गया था। अस्पताल से कुछ लोगों को घर भी भेजा जा चुका है।

दो पर केस दर्ज

इस पूरे मामले में इंदौर पुलिस ने दो लोगों पर एफआइआर दर्ज की है। इसमें पूर्व पार्षद और मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और एक सचिव शामिल है। पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर ने इस बात की पुष्टि की है। दोनों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

अंतिम व्यक्ति की तलाश जारी

बावड़ी को फिर से ख़ाली किया जा रहा है। हालांकि अब अव्यवस्थाएं हैं। निगम कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर, निगमायुक्त चर्चा कर रहे हैं, कोई साधन नहीं है। ये मंगवाया- वो मंगवाया चल रहा है।

प्रदेश भर में खुले कुंए व बोरवेल की जांच होगी- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। लगातार रेस्क्यू आपरेशन चल रहा है। पूरा प्रशासन और मैं रातभर बैठकर इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए रखी थी। हमारी इस समय प्राथमिकता यह है कि अंतिम खोए व्यक्ति की तलाश पूरी की जाए और रेस्क्यू आपरेशन पूरा किया जाए। हमने घटना के मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश दिए हैं। मामले में पुलिस केस भी दर्ज किया गया है। जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

हादसे में घायलों का इलाज सरकार कराएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे में पीड़ित परिवारों को राहत राशि देने की घोषणा की है। राज्य सरकार भी कोई कसर नहीं छोड़ेगी। सरकार ने पूरे प्रदेश में इस तरह की बावड़ियों, कुंओं और खुले बोरवेल के जांच करने के आदेश दिए हैं। यदि खुले बोरवेल निजी हैं, तो उन पर कार्रवाई भी करने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल हमारी प्राथमिकता लापता व्यक्ति को ढूंढने की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सुबह भोपाल से इंदौर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने एप्पल अस्पताल में मंदिर दुर्घटना में घायलों और उनके परिजनों से भेंट की और उनसे घटना के बारे में बातचीत की। इसके अलावा डाक्टरों के साथ भी उन्होंने चर्चा की। इस दौरान उनके साथ गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलावट, आकाश विजयवर्गीय, मालिनी सिंह गौड़, पुष्यमित्र भार्गव, गौरव रणदीवे भी वहां मौजूद थे। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पर भी पहुंचे। इस बीच मंत्री तुलसी सिलावट भी सुबह घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं।

एक साथ निकलेगी शवयात्रा

सिंधी समाज और पटेल समाज के मृतकों का अंतिम संस्कार रीजनल पार्क में होगा। सिंधी समाज के 17 लोगों का 11, 12 और 2 बजे अंतिम संस्कार होगा। वहीं पटेल समाज के 11 मृतकों का अंतिम संस्कार 4 बजे होगा। 11 लोगों की शवयात्रा पटेल धर्मशाला से एक साथ निकलेगी। शाम चार बजे रीजनल पार्क ले जाएंगे। शुक्रवार को हादसे में मारे गए लोगों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए ले जाने का सिलसिला जारी रहा। 13 साल की महक और 47 साल की मधु भंबानी के शव घर पहुंचा। कपड़े के कारोबारी राजेश बम्बनी। कोठारी मार्केट में रेडीमेड की दुकान है। परिवार में चार सदस्य थे। सास अपनी बेटी के घर गई थी। कल हादसे के दौरान मां ओर बेटी ही मंदिर गए थे।

परिजनों के विरोध का करना पड़ा सामना

बावड़ी हादसे के बाद मृतक परिजनों से मिलने आए भाजपा के वरिष्ठ नेता व मंत्री को जनता के विरोध का सामना करना पड़ा। श्री कच्छ पाटीदार समाज की धर्मशाला में इकट्ठा हुए परिजन से जब भाजपा नेता मिलने पहुंचे तो उन्हें जमकर विरोध का सामना करना पड़ा। उस दौरान नरोत्तम मिश्रा, पूर्व महापौर मालिनी गौड़, आईडी अध्यक्ष जयपाल चावड़ा और भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे मौजूद थे। लोगों के विरोध के बाद तुरंत उन्होंने धर्मशाला से जाना पड़ा। मगर विधायक आकाश विजयवर्गीय को लोगों ने घेर लिया और घटनाक्रम के दौरान प्रशासन और पुलिस की लापरवाही को लेकर जमकर खरी-खोटी सुनाई। श्री कच्छ पाटीदार समाज धर्मशाला में इकट्ठा हुए मृतक के परिजनों में घटना को लेकर काफी नाराजगी है| इसे लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की गई। परिजन बोले की घटना के आठ घंटे बाद सेना को क्यों बुलाया गया। यह फैसला तुरंत लेना चाहिए था जिससे लोगों की जान बच सकती थी। प्रशासन ने रहवासियों को भी रेस्क्यू करने से रोका था।

शिवराज सिहं का पाटीदार समाज ने विरोध

पाटीदार धर्मशाला में लोगों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का किया विरोध। रेस्क्यू ऑपरेशन में लापरवाही को लेकर विरोध। पटेल धर्मशाला में लोगों में रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी को लेकर रहवासियों का आक्रोश, प्रशासन और पुलिस की लापरवाही के कारण जाने गई हैं। साथ ही परिजनों ने आकाश विजयवर्गीय से विरोध जताया।

दो मिनट का मौन

इंदौर शहर में पटेल नगर स्थित बेलेश्वर महादेव मंदिर में भयावह हादसा होने पर उच्च न्यायालय अभिभाषक संघ के सदस्य शोक स्वरुप सफेद पट्टी बांध न्यायालयीन कार्य करेंगे एवं 1:30 दोपहर में उच्च न्यायालय अभिभाषक संघ के कक्ष में श्रद्धांजलि सभा रख 2 मिनट का मौन रखेंगे।

नंबर जारी

प्रशासन ने मंदिर हादसे में लोगों की जानकारी के लिए नंबर जारी किया है। लापता व घायल व्यक्तियों की जानकारी के लिए एक समिति का गठन किया गया है।

इंतजार करते रहे परिजन

रात भर श्रद्धालुओं के शव उगलती रही इंदौर के बेलेश्वर मंदिर की बावड़ी, रात 12:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक चले सेना के सर्च ऑपरेशन के बाद मिल सके शेष 21 लापता लोगों के शव, इंदौर की ह्रदय विदारक घटना में अब तक 35 लोगों की मौत, मृतकों में बड़ी संख्या में महिलाएं एवं बच्चे भी, पूरे क्षेत्र में शौक एवं हृदय विदारक रुदन का माहौल। सभी को रात में ही एमवाय हॉस्पिटल भेजकर कराया गया पोस्टमार्टम, अधिकांश लोगों के शव रात में ही परिजनों को सौंप दिए गए। शेष बचे एक मृतक की तलाश अभी भी जारी, इंदौर में शोक स्वरूप बंद रहेंगे आज अधिकांश व्यापारिक प्रतिष्ठान। रात भर अपनों के बाहर निकलने के लिए लोग इंतजार करते रहे और एंबुलेंस के पास खड़े रहे।

जमीन हड़पना चाहती थी समिति

पूरे मंदिर परिसर की जमीन के अलावा बावड़ी और पार्क हड़प कर अपना वर्चस्व चाहती थी बिलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट की समिति, इसीलिए शिकायत करने वाले रहवासियों के साथ मारपीट और विरोध के बावजूद बन रहा था नया मंदिर।बावड़ी पर छत डालकर उसे छुपा देने के कारण नगर निगम के रिकॉर्ड से गायब थी बावड़ी। बेलेश्वर मंदिर बनाने के पहले ही डाल दी गई थी बावड़ी पर असुरक्षित छत, सत्ताधारी दल के राजनीतिक रसूख और मंदिर समिति की धार्मिक हठधर्मिता के कारण रिमूवल का नोटिस देने के बाद भी राजनीतिक संरक्षण के कारण नहीं कर पाया इंदौर जिला प्रशासन और नगर निगम कोई कार्यवाही। घटना के जिम्मेदार बताए जा रहे मंदिर समिति के सदस्य अब कुछ बोलने को तैयार नहीं।