महंगाई से इस समय पूरी दुनिया जूझ रही है। अमेरिका में महंगाई की दर 40 साल के ऊपरी स्तर 8.3 फीसदी पर पहुंच गई है। ब्रिटेन में यह 30 साल के ऊपरी स्तर 7 फीसदी पर और फ्रांस में यह 1990 के बाद 5.2 फीसदी के साथ सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई है। भारत में भी खुदरा महंगाई बढ़कर अप्रैल में 7.79 फीसदी पर पहुंच गई है, जो मई, 2014 के बाद 8 साल में सबसे अधिक है।पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था में इस समय सभी मोर्चों पर जो दबाव दिख रहा है, उससे उबरने में तीन से चार तिमाही तक इंतजार करना होगा। अमेरिका, चीन, भारत और जापान समेत दुनिया के शीर्ष देशों की मुद्राएं, शेयर बाजार, बिटकॉइन सहित निवेश के सभी साधनों में भारी गिरावट आई है। इससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। कुछ देशों में महंगाई भी 40 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। तेल की ऊंची कीमतें इसमें और आग लगाने का काम कर रही हैं। इस पर काबू पाने के लिए दुनियाभर के 21 केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरें बढ़ाई हैं। इसका असर लोगों की बचत पर पड़ेगा।डॉलर के मुकाबले रुपया एक माह में 1.67 फीसदी टूटा है। इस दौरान चीन का युआन 6.5%, जापानी येन 17.38%, यूरो 4.35% और ब्रिटिश पाउंड 6.49% फीसदी गिरा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कहना है कि डॉलर के मुकाबले रुपया और गिरकर 94.4 के स्तर तक जा सकता है।भारत का निफ्टी एक माह में 9.8% गिरा है। चीन में 4.14%, जापान में 4.08%, यूरोपीय बाजारों में 7.17%, अमेरिकी डाउजोंस में 6.97% गिरावट आई है।