बुधवार के दिन श्री गणेश का पूजन किया जाता है। श्री गणेश जी को सर्प्रथम पूजने का नियम है। ऐसे में क्या आप सभी जानते हैं कि श्री गणेश वही है जिन्होंने दुनिया के सबसे धनवान आदमी का अहंकार तोड़ा था। जी हाँ, श्री गणेश जी ने कुबेर जी का अहंकार तोडा था और आज हम आपको वही कथा बताने जा रहे हैं।

कैसे तोडा था श्री गणेश ने कुबेर का अहंकार- एक बार कुबेर अपने धन के भंडार को देखकर इतराने लगे। उन्होंने सोचा कि मैं इतना धनवान हूं यह लोगों को भी पता चलना चाहिए। इसके लिए कुबेर महाराज ने एक भव्य भोज का आयोजन किया। कुबेर के विषय में कथा यह है कि एक बार कुबेर अपने धन के भंडार को देखकर इतराने लगे। उन्होंने सोचा कि मैं इतना धनवान हूं यह लोगों को भी पता चलना चाहिए। इसके लिए कुबेर महाराज ने एक भव्य भोज का आयोजन किया। कुबेर ने भगवान शिव और देवी पार्वती को प्रणाम करके उन्हें भोज में शामिल होने के लिए कहा। भगवान शिव कुबेर के मनोभाव को समझ गए और कुबेर के अहंकार को दूर करने की योजना बना ली।

शिव जी ने कहा कि मैं तो भोज में शामिल नहीं हो पाऊंगा लेकिन मेरे छोटे पुत्र गणेश जी जरूर आएंगे। भगवान गणेश नियत समय पर कुबेर के भोज में पहुंच गए। गणेश जी ने आते ही कहा कि मुझे तेज भूख लगी है जल्दी प्रबंध करो। कुबेर ने अपने धन का प्रदर्शन करने के लिए गणेश जी को सोने की थाल में भोजन परोस कर दिया। गणेश जी ने झट से भोजन खत्म कर दिया और भोजन की मांग करने लगे। इस तरह कुबेर भोजन परोसते जाते और गणेश जी तुरंत समाप्त कर देते। हजारों लोगों के लिए बना भोजन गणेश जी ने खा लिया इसके बाद भी गणेश जी का पेट नहीं भरा। गणेश जी कुबेर की रसोई में पहुंच गए और जो कुछ भी रसोई में था उसे भी खा गए। इसके बाद जब गणेश जी ने कुबेर से और भोजन मांगा तो कुबेर क्षमा मांगने लगे। गणेश जी ने कहा जब तुम्हारे पास भोजन का प्रबंध नहीं था तब भोज के लिए बुलाया क्यों। कुबेर अपने व्यवहार पर लज्जित हुआ और उनका अहंकार चकनाचूर हो गया।