Health Tips : चाहे वजन घटाना हो या फिट रहने के प्रयत्न हों, सबसे पहला कदम होता है डाइट को लेकर प्रयोग करना। भूख पर नियंत्रण रखने से लेकर विभिन्न तरीकों की डाइट अपनाने तक कई विकल्प अपनाये जाते हैं। जबकि स्वस्थ रहने के लिए सिर्फ एक मंत्र को याद रखना जरूरी है, वह है शरीर को जितनी जरूरत है उतना पोषण सही तरीके से देने की। आपके भोजन और उसके पाचन का संतुलन जितना अच्छा होगा, उतना ही शरीर पर अच्छा असर दिखेगा। 

कैलोरी से सीधा मतलब है शरीर को मिलने वाली ऊर्जा। यदि यह कम है तो भी असंतुलन है और ज्यादा है तो भी। रोजाना के अपने कैलोरी  इंटेक को ध्यान में रखकर आप फिट रहने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं। एक बार यह अंदाजा समझ में आ जाए तो फिर इसे रूटीन में लाने में दिक्कत नहीं होती। आप कम कैलोरी में पेट भी भर सकते हैं। जानिए कैसे। 

नाश्ते में करें परिवर्तन 
ये सबसे अच्छा तरीका है डाइट को संतुलित रखने का। नाश्ता चाहे सुबह का हो, शाम की चाय के साथ या फिर यूं ही दिन में छोटी मोटी भूख वाला नाश्ता, यदि इसमें आप पौष्टिक विकल्पों को संतुलित मात्रा में शामिल करते जाते हैं तो समझिये 70 प्रतिशत जीत आपको हासिल हो सकती है। चाहे फिर मामला डाइटिंग का हो या फिर वेट कंट्रोल और वेट लॉस का। तो अपने नाश्ते में ऐसे पदार्थों को जरूर शामिल करें जिनमें पोषण और पेट भरने की सन्तुष्टि अधिक हो और नुकसान न हो। जो पदार्थ कम कैलोरी में अधिक फायदा दे सकते हैं, उनमें शामिल हैं-

धानी और पॉपकॉर्न
यूँ मक्का को भारी अनाजों में माना जाता है। आमतौर पर वजन घटाने के लिए ज्वार को अधिक अच्छा विकल्प माना जाता है लेकिन पॉपकॉर्न का मामला थोड़ा अलग है। यदि आप बिना अतिरक्त तेल मसाले और नमक के पॉपकॉर्न बनाते हैं तो यह कम कैलोरी के साथ पेट भरने  का शानदार ऑप्शन साबित हो सकता है। यह साबुत अनाज भी है और फाइबर से भरपूर भी

शोध पॉपकॉर्न के सेवन को इसलिए भी फायदेमंद बताते हैं क्योंकि इससे ह्रदय रोग, डायबिटीज और कुछ प्रकार के कैंसर की आशंका कम हो सकती है। हां, लेकिन बाजार में मिलने वाले मसाले और चीज से भरे पॉपकॉर्न इस श्रेणी में नहीं आते। इसी प्रकार ज्वार, बाजरे या चावल की धानी भी सादी खाने पर यही फायदा देती है। एक बार में एक बड़ा कटोरा भर पॉपकॉर्न खाये जा सकते हैं, इससे ज्यादा नुकसान दे सकते हैं। 

पनीर और दही 
पेट के गुड बैक्टीरिया के मामले में तो दही को बेस्ट माना ही जाता है। दही पेट को भरने की अनुभूति भी देता है और पानी की भी पूर्ती करता है। सबसे ख़ास बात यह कि इसका उपयोग कई तरह से किया जा सकता है। लस्सी, फ्रूट या सलाद के साथ या खाली भी आप इसे खा सकते हैं। यदि भोजन में सब्जी या दाल अधिक मसाले वाली हों तो भी इसका उपयोग रोटी के साथ किया जा सकता है। दक्षिण भारत में तो सुबह का नाश्ता ही आमतौर पर दही में भीगे पोहे का होता है। पनीर को भी बिना तेल या घी में पकाये, बिना ग्रेवी डाले खाया जा सकता है (इसे घर पर बने छेने के रूप में भी खाया जा सकता है)।

इसके लिए नॉन स्टिक तवे या कड़ाही में एकदम जरा सा ऑलिव ऑइल या घर का घी लगाकर पनीर को हल्का भूरा सेक लें और फिर सलाद की ड्रेसिंग में, फ्रूट्स के साथ या फिर भाप में पके रवे और आटे के मोमोज़ में स्टफिंग के रूप में खाएं। आप चाहें तो चुटकी भर नमक और काली मिर्च छिड़ककर इन्हें खाली भी खा सकते हैं। ये दोनों ही खाद्य प्रोटीन और कैल्शियम दोनों का बेहतरीन स्रोत हैं। 

बादाम, पिस्ता और अखरोट 
ड्राय फ्रूट्स हमेशा से स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाने वाले खाद्य के रूप में पहचाने जाते रहे हैं। दिल  की सेहत से लेकर दिमाग को ऊर्जा देने तक में बादाम और अखरोट जैसे सूखे मेवे काम आते हैं। खासकर सर्दियों के दिनों में। बस यहाँ मात्रा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। एक सामान्य वयस्क के लिए दिनभर में 6-8 बादाम, 6- 8 अखरोट (दो टुकड़ों में) और 8-10 पिस्ता के दाने काफी हैं। इन्हें आप दिन की शुरुआत में ब्रेकफास्ट में खा सकते हैं, शाम की चाय के साथ या फिर बीच में भूख लगने पर। ये फाइबर के साथ ही भरपूर मात्रा में खनिज भी देंगे।