आयोग ने कलेक्टर, रतलाम से एक माह में मांगा जवाब

रतलाम  जिले में श्वान के काटने के करीब 15 दिन बाद गांव रामपुरिया पाटड़ी निवासी आठ वर्षीय कुमारी माया पुत्री हरजी पारगी की बीते शुक्रवार की रात इलाज के दौरान जिला अस्पताल में मौत हो गई। जिले में श्वान के हमले से आए दिन लोग घायल हो रहे हैं। डाग बाइट के मामले में रतलाम प्रदेश में दूसरे नंबर पर है। माया के ताऊ श्री पूनमचंद ने बताया कि माया घर के बाहर खेल रही थी। इसी दौरान आवारा श्वान ने उसकी जांघ पर काट लिया था। उसे निजी अस्पताल में इलाज के साथ इंजेक्शन भी लगवाया गया था। उसके पिता ने जानकारी दी कि सात दिन बाद दूसरा इंजेक्शन भी लगवाया था। बीते शुक्रवार की सुबह अचानक माया की तबीयत बिगड़ी और उसे झटके व झाग आने लगे। स्वजन जिला अस्पताल लेकर आये, जहां रात नौ बजे उसने दम तोड़ दिया। शनिवार की सुबह पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव स्वजनों को सौंप दिया। इस गंभीर मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, रतलाम से एक माह में जवाब मांगा है। आयोग द्वारा कलेक्टर, रतलाम से पूछा गया है कि मृतिका कु. माया के परिजनों को क्षतिपूर्ति राशि दी गई है या नहीं ? आयोग ने कलेक्टर, रतलाम को निर्देशित किया है कि वे मृतिका की इंज्यूरी एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी प्रतिवेदन के साथ ही भेजें। साथ ही यह भी बतायें कि रतलाम शहर एवं रतलाम जिले में इस संबंध में क्या-क्या कार्यवाही एवं सावधानियां बरती गई हैं ?

उल्लेखनीय है कि आवारा कुत्तों के काटने से होने वाली दुर्घटनाओं के संबंध में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने 17 मई 2019 को राज्य शासन/स्थानीय प्रशासन और उनके लोकसेवकों को पालनार्थ कुल ग्यारह अनुशंसाएं की गईं थीं, जिनसे आवारा कुत्तों के काटने की प्रकट दुर्घटनाओं के संबंध में संबंधित लोकसेवकों द्वारा आवश्यक कार्यवाही की जा सके।
 
आयोग द्वारा 17 मई 2019 को की गईंं अनुशंसाएं मुख्यतः निम्नानुसार हैं :-

01- मध्यप्रदेश शासन को आवारा कुत्तों के काटने से होनी वाली व्यक्तियों की मृत्यु या उपहति के संबंध में तीन माह में आवश्यक प्रतिकर योजना बनाये जाने की अनुशंसा की गई है, जिससे पीड़ित व्यक्ति को यथाशीघ्र युक्तियुक्त मुआवजा  राशि शासन से प्राप्त हो सके।
02- विकल्प में मध्यप्रदेश शासन के राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड-6 क्रमांक-4 में अन्य दुर्घटनाओं के संबंध में पीड़ितो को आर्थिक सहायता/मुआवजा के प्रावधानों के अनुरूप ही आवारा कुत्तों के काटने से हो रही दुर्घटनाओं के सम्बन्ध में भी युक्तियुक्त मुआवजा राशि दिलाये जाने के लिए आवश्यक संशोधन तीन माह में किये जाने की अनुशंसा की गई।
03- उपरोक्तानुसार जब तक कोई कार्यवाही मध्यप्रदेश शासन द्वारा नहीं की जाती है, तब तक आवारा कुत्तों के काटने से हुई दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु पर दुर्घटना दिनांक से दो माह में अंतरिम मुआवजा राशि के रूप में दो लाख रूपये और उपहति कारित होने के मामले में उनकी संख्या और गंभीरता की प्रकृति को देखते हुए जांचकर 10,000/- (दस हजार) रूपये से 1,00,000/- (एक लाख) रूपये तक की अन्तरिम मुआवजा राशि अदा किये जाने की अनुशंसा की गई है।  
04- इसके साथ ही विभिन्न वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत अपेक्षा के अनुरूप मध्यप्रदेश शासन स्थानीय प्रशासन/स्वास्थ्य विभाग आदि को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराते हुए ऐसे आवारा कुत्तों के संबंध में आवश्यक बाड़ों (Pound), Kennels/Shelters कुत्ते पकड़ने के वाहन, कर्मचारियों की व्यवस्था, मोबाईल मेडिकल वेन, कुत्तों के Sterilisation और Immunization नियमानुसार संबंधित कुत्तों को विनिष्ट किये जाने की कार्यवाही ऐसी दुघर्टनाओं से पीड़ित व्यक्तियों के लिए निःशुल्क इलाज आवश्यक दवाईयों की प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र पर उपलब्धता आदि की अनुशंसा की गई हैं।

आयोग की पूर्णपीठ द्वारा जो उपरोक्त अनुशंसाएं की गई हैं, उनमें सामान्य स्थिति के आवारा कुत्तों के संरक्षण के वैधानिक प्रावधानों के साथ ही संविधान के अनुच्छेद-21 के अंतर्गत व्यक्ति को प्राप्त सुरक्षित और भयमुक्त जीवन जीने के संवैधानिक/मानव अधिकार के संरक्षण को भी विचार में लेते हुए दोनों के बीच संतुलन और सहअस्तित्व की भावना विकसित करने की अनुशंसा की गई है।