इंदौर ।  रतलाम-इंदौर डेमू ट्रेन में विगत माह हुई आगजनी की घटना की जांच रेलवे ने पूरी कर ली। पश्चिम रेलवे ने जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी गठित की थी। कमेटी ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसके मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक और केवल फाल्ट के कारण आग की घटना होने की पुष्टि हुई। अब जिम्मेदारों पर कार्रवाई का फैसला मुख्यालय स्तर पर होगा।
23 अप्रैल को रतलाम स्टेशन से सुबह रवाना हुई डेमू ट्रेन के मध्य भाग में लगे जनरेटर कार कोच में आग लग गई थी। ट्रेन को प्रीतम नगर रेलवे स्टेशन पर रोककर सभी यात्रियों को ट्रेन से उतारकर आग बुझाने के प्रयास शुरू किए थे। रेलवे ने रतलाम से फायर ब्रिगेड प्रीतम नगर स्टेशन तक भिजवाकर आग पर काबू पाया। आग से जनरेटर कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। हालांकि, जिस हिस्से में आग लगी, वहां यात्री नहीं बैठते, इसलिए जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ। बाद में जली हुई जनरेटर कार को महू भेज दिया गया था, क्योंकि डेमू ट्रेन का रैक वहीं मैंटेन किया जाता है। रतलाम रेल मंडल के डीआरएम रजनीश कुमार का कहना है कि डेमू ट्रेन हादसे की जांच रिपोर्ट मिल गई हैं। जिम्मेदारों पर कार्रवाई का फैसला मुख्यालय स्तर पर होगा।

महू पहुंचकर शुरू की थी जांच

जांच के आदेश के बाद जांच समिति ने महू पहुंचकर जांच शुरू कर दी थी। अब जांच पूरी हो गई है। सूत्रों ने बताया कि जांच में पाया गया कि कोच में लगी एक केबल में इलेक्ट्रिकल फॉल्ट हुआ, जिसकी वजह से अचानक आग लग गई। यह केबल छुपी हुई जगह रहती है, जो सामान्य मेंटेनेंस के दौरान नहीं दिखती। इसे तब देखा जाता है, जब दो-तीन साल में कोच को ओवरहॉलिंग के लिए भेजा जाता है।