नई दिल्ली| दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में साम्प्रदायिक तनाव और हिंसा की घटनाओं को लेकर कांग्रेस समेत देश के कई विरोधी दलों ने भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश की थी। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने स्वयं मोर्चा संभालते हुए देश के अन्य विरोधी दलों के नेताओं और विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मिलकर इस मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरते हुए सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था।

विपक्षी दलों द्वारा जारी संयुक्त बयान में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई महासचिव डी राजा, नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित अन्य कई दलों के नेताओं ने भी हस्ताक्षर किया था।

विरोधी दलों की इस घेरेबंदी के खिलाफ भाजपा ने आक्रामक अंदाज में पलटवार करने की रणनीति बनाई है। भाजपा ने इस पूरे मामले में फ्रंट फुट पर आकर विरोधी दलों को बेनकाब करने का फैसला किया है।

आईएएनएस से बात करते हुए भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कानून व्यवस्था और साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के मामले में भाजपा सरकारों का एक शानदार रिकॉर्ड रहा है और इस मसले पर उसे किसी अन्य दल से और खासकर ऐसे दल से नसीहत लेने की कोई जरूरत नहीं है, जिसका रिकॉर्ड ही तुष्टीकरण की राजनीति कर देश को बांटना रहा है। उन्होंने आगे बताया कि भाजपा इन दलों के असली चेहरे और मंशा को देशभर में बेनकाब करने की कोशिश करेगी ताकि देशवासियों को सच पता लग सके।

भाजपा के इस अभियान की शुरूआत स्वयं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को देशवासियों के नाम एक खुला पत्र लिखकर कर दी है। नड्डा ने सबसे बड़ा और तीखा हमला कांग्रेस पर बोलते हुए उसकी सरकारों के कार्यकाल में हुए साम्प्रदायिक दंगे, हिंसा और गोलीबारी की घटनाओं को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को कठघरे में खड़ा किया, तो वहीं विपक्ष के संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने वाले लेफ्ट पार्टियों और नेशनल कांफ्रेंस के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर भी जमकर निशाना साधा।

बताया जा रहा है कि भाजपा नड्डा द्वारा लिखे गए खुले पत्र में उठाए गए मुद्दों के सहारे देश भर में विरोधी दलों को घेरने की कोशिश करेगी। पार्टी कांग्रेस सरकारों के दौर में हुए दंगों की लिस्ट को लेकर कांग्रेस पर हमला बोलेगी तो वहीं राज्य के हालात और कानून व्यवस्था की स्थिति के मसले पर पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को भी घेरती दिखाई देगी।