नई ‎‎दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई के दौरान यथा ‎स्थिति रखने के आदेश के बाद भी जहांगीरपुरी में बुलडोजर चलता रहा। स्थगन आदेश की जानकारी ‎मिलते ही एमसीडी ने म‎स्जिद प‎रिसर के अ‎तिक्रमण हटाने बुलडोजर भेज ‎दिया।
एमसीडी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी अ‎धिकृत रुप से नहीं ‎मिलने की बात कहकर मस्जिद से लगी हुई दुकानों एवं गेट का अ‎तिक्रमण बुलडोजर से तोड़ ‎दिया। इसी बीच पूर्व सांसद बृन्दा कारात जहांगीरपुरी पहुंची। उन्होंने एडीशनल डीजी सुरक्षा दीपेन्द्र पाठक से चर्चा कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी दी। उसके बाद बुलडोजर की कार्यवाही रोकी गई।
सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश के बाद भी एमसीडी के अ‎धिका‎रियों ने तोड़फोड़ जारी रखी। इसे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना भी कहा जा रहा है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की पुन: सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद उ.प्र., म.प्र., गुजरात स‎हित अन्य राज्यों में चल रहे बुलडोजर की कार्यवाही धम जाएगी। इस पर सुप्रीम कोर्ट, केन्द्र सकार एवं राज्य सरकारों का क्या रुख होगा यह कल की सुनवाई के बाद ही स्पष्ट होगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस मामले को उठाया। दवे ने कहा कि यह नार्थ डेल्ही म्यूनिसिपल कारपोरेशन द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान जहांगीरपुरी इलाके में शुरू किया गया, जहां हाल की में सांप्रदायिक संघर्ष हुआ है. दवे ने कहा कि यह गंभीर मामला है, जिसके लिए शीर्ष अदालत के तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है। दवे ने कहा, किसी को कोई नोटिस दिए बगैर जहांगीरपुरी इलाके में पूरी तरह से अनाधिकृत और असंवैधानिक विध्वंस का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा अधिकारियों को लोगों को कम से कम पांच-छह दिन पहले नोटिस देना चाहिए था। दवे ने कहा कि इसे दोपहर 2 बजे शुरू किया जाना था, लेकिन उन्होंने सुबह 9 बजे से ही विध्वंस की कार्रवाई शुरू कर दी, यह जानते हुए कि मामले को अदालत के सामने रखा जाएगा। मुख्य न्यायाधीश ने विध्वंस अभियान पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया और मामले को गुरुवार को सुनवाई के लिए उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की।