कई महीनों से अनिल देशमुख मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद थे। उन्हें ईडी ने अरेस्ट किया था। उन्हें 1 लाख रुपये का मुचलका जमा कराने के बाद जमानत दी गई है। हालांकि बेल के बाद भी अनिल देशमुख जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। इसकी वजह यह है कि उनके खिलाफ सीबीआई ने भी केस दर्ज किया है और उस मामले में उन्हें जमानत नहीं मिली है। ऐसे में वह अब भी जेल में ही बने रहेंगे। लेकिन इस केस में बेल के बाद उनकी जेल से बाहर आने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। अनिल देशमुख पर उगाही केस में ईडी ने ऐक्शन लिया था।

ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में अनिल देशमुख को बीते साल 2 नवंबर को अरेस्ट किया था। 73 वर्षीय एनसीपी नेता को बॉम्बे हाई कोर्ट की जस्टिस एनजे जमादार की बेंच ने 1 लाख रुपये का मुचलका भऱने का आदेश दिया है। सबसे पहले सीबीआई ने अप्रैल, 2021 में अनिल देशमुख के खिलाफ केस दर्ज किया था। उसके आधार पर ही ईडी ने नई एफआईआर दाखिल की थी। फिर उन्हें अरेस्ट कर लिया गया था। मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर आरोप लगाया था कि उन्होंने शहर के बार मालिकों से पुलिसकर्मियों के जरिए वसूली कराई है। इसमें बर्खास्त अधिकारी सचिन वाझे का नाम भी सामने आया था।