भोपाल   पंचायत और नगरीय निकाय के चुनावों से फ्री होने के बाद अब बीजेपी ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरु कर दी है। BJP कोर ग्रुप की बैठक रातापानी में शुरू हो गई है। इसमें बीजेपी के कई बड़े नेता शामिल हैं। हालांकि, मीटिंग से मीडिया को दूर रखा गया है। करीब 7 किलोमीटर दूर ही मीडिया को रोक दिया गया है। बैठक में शामिल होने के लिए बीजेपी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल शुक्रवार शाम को ही भोपाल पहुंच गए थे। वहीं मध्यप्रदेश से पांचों केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल, वीरेंद्र खटीक और फग्गन सिंह कुलस्ते पहुंचे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव जयभान सिंह पवैया ने कहा कि बैठक में किसी तरह का व्यवधान ना हो, इसलिए एकांत में रखी गई है।

मीटिंग में ये नेता शामिल

रातापानी में हो रही बैठक में कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, पांचों केंद्रीय मंत्री, कैलाश विजयवर्गीय, जयभान सिंह पवैया, राकेश सिंह, नरोत्तम मिश्रा, लाल सिंह आर्य, भूपेंद्र सिंह, राजेंद्र शुक्ल, कविता पाटीदार, ओमप्रकाश धुर्वे आदि शामिल हैं। इनके अलावा राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव भी बैठक में शामिल हैं।


पीएम के दौरे को लेकर चर्चा

11 अक्टूबर को उज्जैन में श्री महाकाल लोक के लोकार्पण समारोह में आ रहे पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर इस बैठक में रणनीति बनेगी। बीजेपी का प्रयास है कि पीएम के इस कार्यक्रम के जरिए प्रदेश के हर गांव में धार्मिक माहौल तैयार किया जाए। 11 अक्टूबर को शाम साढ़े छह बजे से गांवों के मंदिरों पर भजन-कीर्तन, दीप प्रज्ज्वलन जैसे कार्यक्रमों के आयोजित करने के साथ ही उज्जैन के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जाए। ताकि, उज्जैन में नवनिर्मित महाकाल लोक की विशेषताओं को लोग जान सकें और पीएम के कार्यक्रम काे लोग गांवों में देख सकें। स्थानीय कार्यकर्ताओं को लोकल लेवल पर टीवी, एलसीडी स्क्रीन के अलावा प्रोजेक्टर पर पीएम के कार्यक्रम का प्रसारण दिखाने के लिए इंतजाम करने को कहा गया है।

निगम-मंडलों में नियुक्तियों पर चर्चा

मप्र में बीजेपी के सामने पांचवीं बार सरकार बनाने के लिए कई चुनौतियां हैं। बीजेपी में कई सीनियर नेता गण अभी भी राजनीतिक पुनर्वास का इंतजार कर रहे हैं। मप्र सरकार में तमाम निगम-मंड़लों में पद खाली पड़े हुए हैं। मंत्रिमंड़ल में शामिल होने के इंतजार में बैठे विधायकों के अलावा सीनियर नेताओं को भी इनमें एडजस्ट किया जाएगा। पंचायत और नगरीय निकाय के चलते निगम-मंड़लों की नियुक्तियां अटक गईं थीं। आज कोर ग्रुप की बैठक में निगम-मंड़ल में एडजस्ट होने वाले नेताओं के नामों पर भी चर्चा की जाएगी।

आदिवासी वर्ग में पैठ बढ़ाने की प्लानिंग

साल 2003 में उमा भारती के नेतृत्व में बनी सरकार के बाद से लगातार बीजेपी को आदिवासी क्षेत्रों की सीटों में खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में ट्रायबल बेल्ट में हुए नुकसान के बाद अब बीजेपी ने पूरा जोर आदिवासियों को साधने में लगा दिया है। हालांकि नगरीय निकाय के चुनावों में बीजेपी ने कांग्रेस की कई परंपरागत नगर पालिका और नगर परिषदों को जीतने में कामयाबी हासिल की है। अब अगले विधानसभा चुनाव के लिहाज से आदिवासी वर्ग को अपनी ओर आकर्षित करने की रणनीति पर भी आज चर्चा हो सकती है।