छत्तीसगढ़ के कांकेर में रविवार देर रात बंदूक और फरसा लेकर घर में घुसे 5 डकैतों से दो भाई भिड़ गए। एक डकैत को जमीन पर ही पटक कर दबोच लिया। जबकि 2 को गांव में दौड़ाकर पकड़ा। इस दौरान उनके 2 साथी भागने में कामयाब हो गए। डकैत खुद को नक्सली बताकर घर में घुसे थे। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी, लेकिन वह नहीं पहुंची। फिर ग्रामीण खुद ही डकैतों को लेकर थाने पहुंच गए। मामला कोड़ेकुर्से थाना क्षेत्र का है। गुरदाटोला गांव निवासी चमरू कवाची के घर रात करीब 2 बजे कुछ लोग पहुंचे और दरवाजा खटखटाया। दरवाजा खुलते ही हाथ में बंदूक, फरसा, आरी ब्लेड और अन्य हथियार लिए 5 लोग लाल सलाम कहते हुए घर में घुस गए। इसके बाद रुपए और अन्य सामान की मांग शुरू कर दी। डकैतों ने इधर-उधर मकान में तलाशी लेना शुरू कर दिया। उनका ध्यान भटका तो चमरू और उसका भाई चमरा ने डकैतों पर हमला कर दिया।

दोनों भाइयों ने एक डकैत को जमीन पर पटक दिया और उसे पीटना शुरू कर दिया। अचानक हुए इस हमले से डकैत घबरा गए। इस दौरान पकड़े गए डकैत ने फायरिंग करो- फायरिंग करो कहकर चिल्लाना शुरू कर दिया। कहा कि उसके साथ 30-35 लोग हैं, लेकिन परिजनों ने उसे बांध दिया। इसके बाद दोनों भाइयों ने भाग रहे डकैतों में से दो और को दौड़ाकर पकड़ लिया। शोर सुनकर गांव वाले बाहर निकले, लेकिन तब तक डकैतों के दो अन्य साथी भाग चुके थे।

ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। आरोप है कि सूचना देने के बाद भी पुलिसकर्मी गांव नहीं पहुंचे। इसके बाद ग्रामीण खुद ही बदमाशों को लेकर थाने पहुंच गए और पुलिस को सौंपा। पकड़े गए डकैतों में संतोष गुप्ता, शिवा और जितेंद्र कुमार शामिल है। सभी राजनांदगांव के रहने वाले बताए गए हैं। फिलहाल ज्यादा जानकारी अभी तक नहीं मिल सकी है। डकैतों से पुलिस पूछताछ कर रही है। वहीं नेटवर्क समस्या होने के चलते ग्रामीणों से भी संपर्क नहीं हो पा रहा।