शिक्षा का अधिकार कानून(आरटीइ) के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रथम चरण में प्रवेश के लिए छह मार्च से छात्र पंजीयन शुरू हो गया है, जो 10 अप्रैल तक चलेगा। अभी तक 83 हजार 734 छात्रों ने पंजीयन कराया है। प्रदेशभर में छह हजार 507 स्कूलों ने आरटीइ में अपना पंजीयन कराया है। इन स्कूलों में 53 हजार 113 सीटें हैं। सीटों के लिहाज से आवेदन बहुत ज्यादा आ गए हैं, लेकिन फिर भी आरटीइ की सीटें खाली रह जाती हैं।

पिछले साल प्रदेशभर में आरटीइ की 80 हजार सीटें थी, जिसमें से लगभग 18 हजार सीटें खाली रह गई थी।पिछले साल भी 80 हजार सीटों के लिए एक लाख से ज्यादा आवेदन मिले थे।लेकिन 18 हजार सीटें खाली रह गई थी।प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. राजीव गुप्ता ने बताया कि अभिभावक अपने बच्चों को हिंदी मीडियम स्कूलों में नहीं पढ़ाना चाहता। प्रदेश में सरस्वती शिशु मंदिर समेत लगभग दो हजार से ज्यादा हिंदी मीडियम के स्कूल है। इन स्कूलों में लगभग 12 से 15 हजार सीटें है, जहां पर कोई भी पालक अपने बच्चों को हिंदी मीडियम में नहीं भेजता है, इस कारण से भी सीटें खाली रह जाती हैं।

इस शिक्षण सत्र में घट गई आरटीइ की सीटें

शिक्षण सत्र 2023-24 में प्रदेश में आरटीइ की सीटों में कमी आई हैं।पिछले साल प्रदेशभर में आरटीइ की 80 हजार सीटें थी, जो इस साल घटकर 53 हजार 113 सीटें हैं। अधिकारियों ने बताया कि स्कूलों से एंट्री क्लास में पिछले साल हुए प्रवेश के आधार पर 25 प्रतिशत सीटों की संख्या अपलोड करने के लिए कहा गया था, इस लिहाज से प्रदेश में आरटीइ की सीटेें घट गई है।काेराेना के कारण बहुत सारे स्कूल बंद भी हो गए है। आरटीइ की सीटें घटने की ये भी एक मुख्य वजह है।

स्वामी आत्मानंद में भी पालकों का रुझान

निजी हिंदी मीडियम में पढ़ाने के बजाय अभिभावक सरकारी स्कूलों की तरफ ज्यादा रूझान कर रहे हैं। प्रदेश में खुले स्वामी आत्मानंद स्कूलों में भी निजी स्कूलों जैसी अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई हो रही हैं।आरटीइ के तहत बड़े निजी स्कूलों में प्रवेश नहीं मिलने के बाद अभिभावक सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलाना रहे है, ताकि बच्चा अंग्रेजी माध्यम में पढ़ सके।