इम्फाल । जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर से आदिवासियों का मिजोरम में आना जारी है। अधिकारियों ने बताया कि 7 हजार 700 से अधिक लोगों ने मिजोरम के आठ जिलों में शरण ली है। आइजोल के अधिकारियों को आशंका है कि मणिपुर के कई आदिवासी बहुल जिलों में अभी भी हिंसा की छिटपुट घटनाएं हो रही हैं, जिससे स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, यही कारण है कि लोग मिजोरम में शरण ले रहे हैं।
अधिकारियों के अनुसार सबसे अधिक लगभग 2 हजार 690 लोगों ने असम की सीमा से लगे कोलासिब जिले में शरण ली। इसके बाद आइजोल 2 हजार 386 और सैतुअल जिले में 2 हजार 153 लोगों ने शरण ली है, जबकि शेष ने पांच अन्य जिलों में शरण ली।
अधिकारियों ने मीडिया से कहा कि मिजोरम में बड़ी संख्या में लोगों ने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के घरों में शरण ली है, जबकि कई असहाय लोगों को सामुदायिक हॉल, स्कूलों और खाली पड़ी इमारतों में ठहराया गया है। इस बीच बड़ी संख्या में महिलाओं को शामिल करने वाले विभिन्न संगठन पिछले कुछ दिनों से मणिपुर के घाटी के जिलों में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि कुकी उग्रवादियों के साथ निलंबन अभियान (एसओओ) को रद्द किया जाए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
यह भी मांग की गई है कि अवैध म्यांमार के अप्रवासियों को निर्वासित किया जाए और पहाड़ी क्षेत्रों में अफीम की खेती को रोका जाए। इन संगठनों ने 10 आदिवासी विधायकों की मणिपुर को विभाजित कर आदिवासियों के लिए अलग राज्य बनाने की मांग का भी पुरजोर विरोध किया। पूर्वी इंफाल जिले के न्यू चेकोन इलाके में मंगलवार को दुकानें, बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। इलाके में सोमवार को चार हथियारबंद बदमाशों ने लोगों को अपनी दुकानें बंद करने के लिए मजबूर किया और इसके बाद कुछ बदमाशों ने दो घरों में आग लगा दी थी।
जिला प्रशासन और सुरक्षाबलों ने लोगों से घरों में रहने के लिए कहा है। विभिन्न जिलों से घरों को जलाने सहित हिंसा की छिटपुट घटनाओं की सूचना मिली थी। मणिपुर पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के साथ सेना, असम राइफल्स मिश्रित आबादी वाले 11 जिलों में कड़ी निगरानी रख रही है, जहां अभी भी कर्फ्यू लगा हुआ है।
मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसा में कुल 71 लोग मारे गए हैं, जबकि पुलिसकर्मियों सहित 300 अन्य घायल हुए हैं। राज्य के 16 जिलों में से 11 जिले प्रभावित हैं, जिनमें से छह बुरी तरह प्रभावित हुए थे। 25 हजार से अधिक लोग दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हैं। इसके अलावा लगभग 1700 घरों को जला दिया गया है और 200 से अधिक वाहनों को नष्ट कर दिया गया है।