अपने जीवन में कभी न कभी पेट में सूजन या पेट में गैस महसूस की होगी। खाना खाने के बाद पेट में फंसी हुई गैस का अहसास काफी असहज होता है। पेट फूलना यानी गैस एक आम पाचन समस्या है, जो बस कुछ देर के लिए रहती है और कई बार अपने आप ठीक भी हो जाती है। हालांकि, भोजन के बाद पेट में गैस बनना स्वभाविक है। लेकिन यह जरूरत से ज्यादा बनने लगे, तो दर्दनाक हो सकती है। सही डाइट रूटीन को फॉलो न करना, समय पर भोजन न करना, ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ लेना, अनहेल्दी चीजों का सेवन ऐसे कारक हैं, जो पेट में ज्यादा गैस बनने का कारण बनते हैं। कुछ दवाओं की मदद से इस समस्या से अस्थाई राहत तो पाई जा सकती है, लेकिन लंबे वक्त तक इससे छुटकारा पाना है, तो आयुर्वेद से अच्छा उपाय और कुछ नहीं है। रसोई में आसानी से मिलने वाली जड़ी-बूटियां पेट में सूजन या गैस से निजात दिलाने में आपकी मदद कर सकती हैं। यहां कुछ जड़ी-बूटियां हैं, जिन्हें आप अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।

अजमोद- जो लोग गैस बनने से परेशान रहते हैं, उनके लिए एक और बेहतरीन जड़ी-बूटी है अजमोद। ये पत्ते खाना पकाने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी-बूटी है। अजमोद डायरूटिक है, शरीर से पानी और नमक के नुकसान को बढ़ाने में मदद करता है।

जीरा- जीरा एक ऐसा मसाला है, जो हर भारतीय किचन में आसानी से मिल जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, जीरा पाचक रसों को उत्तेजित करता है । यह एसिडिटी और अपच जैसी पेट की समस्याओं से छुटकारा दिलाने में बहुत कारगार साबित हुआ है।

तुलसी- पेट की समस्या से राहत के लिए आयुर्वेद में तुलसी का उपयोग सदियों से किया जा रहा है। तुलसी के पत्तों का अर्क गैस्ट्राइटिस से पीडि़त चूहों में गैस्ट्रिक म्यूकोसा की सूजन को कम करने के लिए सिद्ध होता है। ऐसे में अगर व्यक्ति पेट में गैस बनने पर तुलसी के पत्तों का नियमित सेवन कर ले, तो गैस्ट्राइटिस की समस्या बहुत कम हो जाती है।

सौंफ- पेट से जुड़ी समस्या के लिए सौंफ एक बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार हैं। यह न केवल सूजन वाली मांसपेशियों को आराम देती है बल्कि कब्ज को दूर करने का बढिया तरीका है। बता दें कि इन बीजों का पेट और आंत की मांसपेशियों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है, जो कब्ज और एसिड रिफ्लक्स से होने वाली गैस से राहत दिलाने में मददगार है।

सोआ- सर्दी के मौसम में पेट से जुड़ी समस्या परेशान करती हैं। इन समस्या से राहत पाने के लिए सोआ का सेवन बहुत फायदेमंद माना गया है। हरे पत्तेदार सोआ में एंटीइंफ्लेमेट्री प्रभाव देखे गए हैं जो आपको रिलेक्स महसूस कराते हैं।

कैमोमाइल चाय- यह हर्बल चाय उन लोगों के लिए बहुत अच्छी है, जो गैस्ट्रिक समस्यों से ग्रसित रहते हैं। ये पत्तियां गैसेट्राइटिस जैसी सूजन को कम करने में मदद करती हैं और अल्सर से भी राहत दिलाती हैं। पाचन की समस्या को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए आप एक कप गर्म कैमोमाइल चाय का सेवन रोजाना कर सकते हैं। बहुत आराम मिलेगा।

पुदीना- खाना खाने के तुरंत बाद जो लोग पेट फूलने की शिकायत करते हैं,उन्हें पुदीना का सेवन करना चाहिए। यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी पेट में ज्यादा गैस बनने को नियंत्रित करती है। बता दें कि पेपरमिंट ऑयल में एंटीइंफ्लेमट्री और एंटी बैक्टीरियल योगिक होते हैं, जो गैस्ट्राइटिस के लक्षणों को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं।