कीव । रूस और यूक्रेन के बीच जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इस युद्ध के कारण यूक्रेन के 25 लाख से अधिक बच्चे डर और भय के कारण अपना बचपन भूल गए हैं। डरे सहमे बच्चे और युवा घर के अंदर ही बंद रहते हैं। इन बच्चों में युद्ध का खौफ इस कदर घर कर गया है। कि यह घर से बाहर नहीं निकलते हैं। जरा सी आवाज या आहट मिलने पर डर जाते हैं। अपनी उम्र के बच्चों के साथ मिलकर खेलते भी नहीं है। युवा भी पूरी तरह से गुमसुम है। सर्दी में भी इन्हें पसीना आ जाता है। 
 यूक्रेन के मनोचिकित्सक इन बच्चों को सामान्य बनाने के लिए तरह-तरह की प्रयास कर रहे हैं। परिवार के लोग भी इन्हें डर और भय से निकालने की कोशिश कर रहे हैं। 25 लाख से अधिक बच्चे और युवा वार ट्रोमा से पीड़ित हैं। युद्ध का वीभतस्व नजारा और इसका प्रभाव जिस तरह से बच्चे और युवाओं में पड़ा है। उसकी भरपाई आने वाले कई दशकों में भी संभव नहीं हो पाएगी। यह त्रासदी यूक्रेन के लोगों को झेलनी पड़ रही है। इस युद्ध से ना तो रूस को कुछ हासिल हुआ है। नाही यूक्रेन को हासिल हुआ है। दोनों ही देश के नागरिकों को तबाही और डर के माहौल में जीवन बिताना पड़ रहा है। कब स्थिति सामान्य होगी, यह भी नहीं कहा जा सकता है।