मुंबई । इस सप्ताह ‎विश्व के प्रमुख केंद्रीय बैंकों के ब्याज दर में कमी करने की उम्मीद के बीच स्थानीय स्तर पर रिजर्व बैंक (आरबीआई) के वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) में ऋणदाताओं के निवेश नियमों में ढील दिए जाने के बाद वित्तीय स्थिति मज़बूत होने से बीते सप्ताह एक फीसदी से अधिक चढ़े घरेलू शेयर बाजार की नजर आरबीआई के नीतिगत निर्णय, वाहन बिक्री और पीएमआई आंकड़ों पर रहेगी। अधिकतर अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि इस बार भी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा। कारोबारी साल 2025 की शुरुआत मार्च महीने के ऑटो बिक्री आंकड़ों के साथ होगी। इसके अलावा बाजार की नजर कच्चे तेल के दाम और रुपए की चाल पर भी रहेगी। विश्लेषकों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 घरेलू बाजार के लिए एक फायदेमंद साल रहा। लार्जकैप ने 33 प्रतिशत का पर्याप्त रिटर्न दिया। मिडकैप में 56 प्रतिशत की वृद्धि हुई और स्मॉल कैप ने प्रभावशाली 63 प्रतिशत के साथ उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। वर्ष के दौरान देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का पूर्वानुमान तिमाही आधार पर 6.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया गया। कॉर्पोरेट आय वृद्धि में तेजी आई।इस दौरान प्रत्यक्ष निवेश के साथ-साथ एमएफ के माध्यम से निवेश द्वारा समर्थित खुदरा प्रवाह मजबूत बना रहा। घरेलू निवेशकों द्वारा रखे गए ट्रेडिंग खातों की संख्या 16.7 करोड़ तक पहुंच गई, जो बढ़ती बाजार भागीदारी को रेखांकित करती है। इसके अलावा मंदी का सामना कर रहे अन्य उभरते बाजारों की तुलना में भारत के बेहतर आर्थिक प्रदर्शन से उत्साहित विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुद्ध खरीदारी गतिविधि में सुधार दिखाया। वहीं 20 मार्च तक भारी बिकवाली में साल का अंत कमजोरी से हुआ। अप्रैल के आने वाले पहले सप्ताह में अमेरिका और भारत में पीएमआई, फैक्ट्री ऑर्डर और अमेरिका में बेरोजगारी डेटा जैसे महत्वपूर्ण आंकड़े जारी होने वाले हैं। इसके अलावा आरबीआई की अगले सप्ताह 03-05 अप्रैल को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक होने वाली है। बाजार सहभागी नीतिगत दरों के संबंध में विशेष रूप से आरबीआई से मिलने वाले संकेतों की बारीकी से निगरानी करेंगे। इसके अलावा बाजार की नज़र 31 मार्च को समाप्त होने वाली चौथी तिमाही के कंपनियों के परिणाम पूर्वानुमानों पर रहेगी।