गुयाना । वेस्टइंडीज का एक छोटा सा देश गुयाना इन दिनों पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है  गुयाना में तेल के भंडार मिले हैं। जिसके कारण सबसे ज्यादा कच्चा तेल का उत्पादन करने वाला देश गुयाना बन गया है। सबसे ज्यादा कच्चा तेल निर्यात करने वाला देश भी गुयाना हो गया है। इसके पहले सऊदी अरब,सबसे ज्यादा कच्चे तेल का उत्पादन करता था। अरब देशों की सबसे ज्यादा कमाई कच्चे तेल से होती थी। अरब देश तेल के उत्पादन और बिक्री में गुयाना से पिछड़ रहे हैं। सही मायने में गुयाना सारी दुनिया के देशों में सबसे ज्यादा अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है। गुयाना की आर्थिक विकास दर 38 फ़ीसदी है।जो दुनिया के किसी भी देश की नहीं है।
 8 लाख की आबादी वाले, इस छोटे से देश में, तेल का पैसा बरस रहा है। उसने गुयाना के पूरे आर्थिक तंत्र को बदलकर रख दिया है। गुयाना में 390000 बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का उत्पादन हो रहा है। 2027 तक 100000 बिलियन बैरल कच्चे तेल का उत्पादन होने का अनुमान लगाया है। जो 11 बिलियन बैरल होगा। तेल के कारण 2023- 24 में विश्व बैंक ने गुयाना की अर्थव्यवस्था में 38 फ़ीसदी की वृद्धि दर्ज की है।विश्व बैंक के अनुसार अगले 5 वर्षों में गुयाना की प्रति व्यक्ति आय में 115 फ़ीसदी की वृद्धि होगी। जो विश्व के देशों में सबसे ज्यादा होगी।गुयाना के मजदूर अब के शेख बनने जा रहे हैं। इसमें भारतीय मूल के भी लाखों नागरिक होंगे। यदि इन्होंने अपनी अर्थव्यवस्था को सही तरीके से बनाकर रखा।तो आर्थिक दृष्टि से प्रति व्यक्ति आय के मामले में सबसे ज्यादा संपन्न देशों में गुयाना शामिल होगा। भारत की अर्थव्यवस्था वर्तमान में 5।8 फ़ीसदी के साथ आगे बढ़ रही है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय 7 फ़ीसदी की दर से वृद्धि हो रही थी। गुयाना की अर्थव्यवस्था में अगले 10 वर्षों में न्यूनतम 50।8 फ़ीसदी की दर से वृद्धि होगी।ऐसा अनुमान विश्व बैंक ने लगाया है।
 अभी तक गुयाना में कृषि और माइनिंग ही आए के स्रोत थे। अब सबसे ज्यादा आय कच्चे तेल से हो रही है। जिस तेज गति से गुयाना में पैसा आ रहा है।उसके बाद विभिन्न समस्याएं भी देखने को मिलने लगी हैं। सऊदी अरब, अमेरिका, कनाडा का व्यापारिक दबाव गुयाना पर अभी से पड़ने लगा है। व्यापारिक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इसका असर गुयाना की राजनीतिक और प्रशासनिक स्थितियों में पडना तय माना जा रहा है। गुयाना में भारतीय मूल और फ्रांसीसी मूल के नागरिक निवास करते हैं  उनकी जनसंख्या मात्र 8 लाख है। ऐसी स्थिति में दुनिया के विकसित राष्ट्र गुयाना में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करके अपना उल्लू सीधा करने का कोई मौका नहीं छोड़ेंगे। वर्तमान स्थिति को देखते हुए यही कहा जा सकता है, गुयाना की लॉटरी खुल गई है। यहां का हर नागरिक भारी कमाई कर रहा है। गुयाना मे प्रति व्यक्ति आय बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही है। गुयाना  वर्तमान स्थिति को देखते हुए, अपनी व्यापारिक समझ, विकास की योजनाएं और सुरक्षात्मक उपाय पूरी ताकत के साथ करने होंगे। यदि ऐसा नहीं कर पाए, तो अंतरराष्ट्रीयव्यापारिक और राजनीतिक दबाव के चलते गुयाना में भी अस्थिरता पैदा हो सकती है। इसके लिए गुयाना के शासको को बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। दुबई से भी सबक लेने की जरूरत है।