ठाणे। मुंबई से सटा ठाणे जिला जो पहले कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इस ठाणे जिले में कांग्रेस अपनी पकड़ खोती जा रही है. हालांकि इसकी मुख्य वजह कांग्रेस के कई नेताओं की ड्रायंग रूम पॉलटिक्स मानी जा रही है. क्योंकि उन्होंने जनता के बीच जाकर काम करने के बजाय अपने उधोग व्यापार को ही बढ़ावा दिया और इसके लिए उस वक्त के विपक्ष के साथ सांठगांठ रखी. परिणामस्वरूप जिले में कांग्रेस कमजोर होती चली गई. ठाणे महानगर पालिका में कांग्रेस के केवल तीन नगरसेवक हैं और जिला परिषद में एक भी सदस्य नहीं है। इसलिए कांग्रेस की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है. अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी मार्च महीने में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के मौके पर ठाणे जिले में आएंगे. क्या उनके आने से ठाणे जिले में कांग्रेस पार्टी के दिन एक बार फिर बहुरेंगे? ये देखना भी जरूरी होगा. मालूम हो कि राहुल ने बीजेपी को रोकने के लिए पूरे भारत में भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू की है. पहले चरण में यात्रा का अच्छा स्वागत हुआ। उसके बाद अब दूसरे चरण में यह यात्रा फिर से जोर-शोर से शुरू हो गई है. कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि यह न्याय यात्रा 12 मार्च को ठाणे में दस्तक देगी. इसके मुताबिक, बुधवार को यात्रा की योजना बनाने के लिए बैठक भी की गई है. सूत्रों ने बताया कि इस बात की भी योजना तैयार की गई है कि ठाणे के किस हिस्से से यह यात्रा निकाली जाएगी। इसके मुताबिक यह भी कहा जा रहा है कि यह यात्रा ठाणे के कलवा, खारेगांव, शहरी क्षेत्र, कैडबरी, रेमंड आदि से घोड़बंदर होते हुए आगे बढ़ेगी। बहरहाल ठाणे जिले में हाशिये पर चल रही कांग्रेस पार्टी क्या अब राहुल गांधी के आने पर फिर पुनर्जीवित हो पायेगी ? यह तो आने वाले समय में ही पता चल पायेगा. लेकिन कहा ये भी जा रहा है कि राहुल गाँधी के यहां आने से कांग्रेस के अच्छे दिन आएंगे।