भोपाल । लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस व अन्य पार्टियों के नेताओं से बात कर भाजपा की सदस्यता दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। इंदौर में भी कांग्रेस के बड़े नाम रहे पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार और मोतीसिंह पटेल को लेकर मंथन चल रहा है। हालांकि दरबार को लेकर विधायक व कुछ स्थानीय नेताओं की आपत्ति है।
लोकसभा चुनाव के पहले पार्टी चाहती है कि कांग्रेस के नाराज नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई जाए। इसके चलते इंदौर में भी कई नामों पर भाजपा संगठन में मंथन चल रहा है। बड़े नामों में महू के पूर्व विधायक दरबार प्रमुख हैं, जो विधानसभा का चुनाव निर्दलीय लड़े थे और 62 हजार वोट लेकर आए। उनके साथ चार जिला पंचायत सदस्य हैं तो जनपद सदस्यों व सरपंचों की संख्या भी अच्छी है। इसके अलावा राजपूत समाज में पैठ है। हालांकि दरबार के भाजपा में आने की भनक लगने पर विधायक उषा ठाकुर और कुछ पदाधिकारियों ने आपत्ति दर्ज कराई कि इससे भाजपा के पुराने राजपूत नेताओं की राजनीति पर प्रभाव पड़ेगा। वे सहकारिता के क्षेत्र में भी दखल रखते हैं तो पार्टी में आने का उन्हें कभी लाभ भी दिया जाएगा। ऐसे में सहकारिता की राजनीति करने वाले अन्य नेताओं का नुकसान हो सकता है। दूसरी ओर, इंदौर दुग्ध संघ के अध्यक्ष मोतीसिंह पटेल भी भाजपा की सूची में मजबूत नाम है। पार्टी के पास कलोता समाज का मजबूत नेता नहीं है। उनके आने से ये कमी दूर हो जाएगी। विधायक मनोज पटेल से भी उनके संबंध अच्छे हैं। दोनों ही नेताओं को इसका फायदा हो सकता है