राजगढ़ ।   मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के अंतर्गत आने वाली ब्यावरा जनपद की ग्राम पंचायत तरेना में गणतंत्र दिवस पर आयोजित ध्वजारोहण कार्यक्रम में दलित सरपंच को ध्वजारोहण के कार्य से वंचित रखने वाले रोजगार सहायक की सेवाएं दिग्विजय सिंह के ट्वीट करने के बाद समाप्त की गई हैं। दरअसल मामला ब्यावरा जनपद की ग्राम पंचायत तरेना का है। यहां के दलित सरपंच मान सिंह वर्मा ने एक वीडियो जारी सोशल मीडिया पर वायरल किया है। वीडियो में वे कहते हुए नजर आ रहे हैं, 'मान सिंह सरपंच बोल रहा हूं तरेना 86 ब्यावरा तहसील जिला राजगढ़ से। आज झंडा वंदन का दिन था, मैं वर्मा हूं, इस चक्कर में रोजगार सहायक ने किसी और दूसरे से झंडा वंदन करा दिया और मेरा हक छीन लिया।' उक्त वीडियो को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपनी प्रोफाइल से ट्वीट और मुख्यमंत्री को टैग करते हुए लिखा कि, 'देश 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, लेकिन हालात सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे। मान सिंह वर्मा जी को राजगढ़ जिले की ब्यावरा तहसील की ग्राम पंचायत तरेना में सरपंच के ओहदे पर होने के बावजूद रोजगार सहायक लाखन सिंह ने झंडा वंदन नहीं करने दिया। मेरा सीधा सवाल है, क्या अनुसूचित जाति का होना गुनाह है? क्या पंचायत भवन में सरपंच को झंडा फहराने का अधिकार नहीं है? मेरा मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि ऐसे दोषी रोजगार सहायक लाखन सिंह को तत्काल निलंबित करना चाहिए व STSC Atrocity क़ानून के अंतर्गत कार्रवाई करनी चाहिए।'

उक्त ट्वीट के बाद बवाल मचा। आनन फानन में जिला प्रशासन ने प्रेसनोट जारी करते हुए कहा कि ध्वाजारोहण सरपंच के स्थान पर अन्य व्यक्ति से कराते हुए सरपंच को अपने अधिकार से वंचित किए जाने संबंधी मामला संज्ञान में आया है। उक्त प्रकरण में ग्राम पंचायत में ध्वजारोहण सरपंच को करना था। रोजगार सहायक लखनसिंह सौंधिया ने शासन प्रावधानों के विरुद्ध जाकर अन्य व्यक्त्ति से ध्वजारोहण करा दिया। इस कारण रोजगार सहायक की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त की गई हैं। उक्त कारवाई के पश्चात पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक और ट्वीट राजगढ़ कलेक्टर को टैग करते हुए धनवायद लिखा। उक्त मामले में जिला पंचायत सीईओ अक्षय तेमरवाल ने कहा कि उक्त प्रकरण में रोजगार सहायक के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा चुकी है।