रायपुर ।  छत्तीसगढ़ में विधानसभा की तीन ऐसी सीटें हैं जहां पहली बार महिला विधायक चुन कर आई हैं। इनमें सूरजपुर जिले की प्रतापपुर सीट, जशपुर जिले की पत्थलगांव और सारंगढ़-बिलासईगढ़ जिले की बिलाईगढ़ सीटों पर पहली बार महिला विधायकों को जीत मिली है। इसमें दो भाजपा और एक कांग्रेस की विधायक हैं। इन तीनों विधानसभा सीटों में आजादी के बाद अब तक कोई महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं उतारी गई थीं। 2023 में प्रतापपुर से दोनों प्रमुख दलों, कांग्रेस और भाजपा ने महिला प्रत्याशी उतारे थे। भाजपा से शकुंतला सिंह पोर्ते और कांग्रेस से राजकुमारी मरावी चुनावी मैदान में थीं। शकुंतला सिंह ने 83,796 वोट के साथ जीत दर्ज की। वहीं, राजकुमारी मरावी को 72,088 वोट मिले। दोनों के बीच 11,768 वोट का अंतर रहा। इसी तरह पत्थलगांव से भाजपा से गोमती साय उतरी थीं। इन्होंने कांग्रेस के रामपुर सिंह ठाकुर को 255 वोट से हराया। बिलाईगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी कविता प्राण लहरे ने भाजपा के दिनेश लाल जांगड़े को 17,939 वोट से हराकर जीत दर्ज की।

राज्य गठन के पहले छह महिला विधायक थीं, अब 18 हो गईं

आजाद भारत में लोकसभा और विधानसभा के लिए 1951-52 में चुनाव हुए। उस समय छत्तीसगढ़, सेंट्रल प्राविंस और बरार को मिलाकर बने तत्कालीन मध्य प्रदेश (राजधानी नागपुर) का हिस्सा था। तब छत्तीसगढ़ में 62 विधानसभा सीटें थीं।

पहली बार चुनाव हुए, तो इन 62 में से केवल चार सीटों पर महिलाओं ने चुनाव जीता था। इनमें गंडई से रितुपर्णा किशोरदास, बोरी देवकर से रानी पद्मावती, बालोद से धरम बाई और राजिम से श्यामकुमारी देवी विधानसभा चुनाव में विजयी रही थीं। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पहले छह महिला विधायक थीं। अब इनकी संख्या बढ़कर 18 हो गई है।

इस बार कांग्रेस से 10, तो भाजपा से आठ महिला विधायक

कांग्रेस ने इस विधानसभा चुनाव में 18 महिलाओं को टिकट दिया था। इनमें 10 ने जीत दर्ज की है। वहीं, भाजपा ने 15 महिलाओं को उतारा था। इनमें आठ ने जीत दर्ज की। 2018 के चुनाव में भाजपा ने 14 और कांग्रेस ने 13 महिलाओं को मैदान में उतारा था। 2013 के चुनाव में भाजपा ने 10 और कांग्रेस ने 12 महिलाओं को टिकट दिया था।