नई दिल्ली ।   केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन भारतीय आपराधिक कानूनों में संपूर्ण बदलाव के लिए विधेयक पेश किए। इनके पारित होने के बाद भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को भारतीय न्याय संहिता से बदल दिया जाएगा।

अमित शाह ने बताया, ये होंगे बड़े बदलाव

राजद्रोह की धारा को पूरी तरह खत्म करने का प्रस्ताव है। पहचान छिपाकर शारीरिक संबंध बनाना गलत होगा। लव जिहाद को अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा। अपराधी की गैर मौजूदगी में भी केस चलेगा और सजा सुनाई जाएगी।
मॉब लिंचिंग के मामलों में मृत्युदंड का प्रावधान लाएंगे। चुनाव के दौरान मतदाताओं को रिश्वत देने पर एक साल की सजा का भी प्रावधान है। गृहमंत्री ने बताया कि तीनों विधेयकों को संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा। तीनों विधेयक पेश करते हुए अमित शाह ने कहा, "1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों के बनाए कानूनों के मुताबिक चलती थी। तीन कानूनों को बदल दिया जाएगा और देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव आएगा।"