मणिपुर के इंफाल पूर्वी और पश्चिमी जिलों में सोमवार सुबह पांच बजे से दोपहर तक कर्फ्यू में ढील दी गई। इस संबंध में संबंधित जिला मजिस्ट्रेटों के कार्यालय द्वारा अलग-अलग बयान जारी किए गए।

अधिसूचना में कहा गया है, "आम जनता को दवाओं और खाद्य पदार्थों सहित आवश्यक वस्तुओं की खरीद की सुविधा प्रदान करने के लिए 7 अगस्त को सुबह 5 बजे से दोपहर तक अपने निवास स्थान से आवाजाही पर प्रतिबंध हटा दिया गया है।"

सुरक्षा के मद्देनजर लगाया गया कर्फ्यू

बिष्णुपुर जिले में पिता-पुत्र सहित तीन लोगों की नींद में ही हत्या कर दिए जाने और इसके बाद उनके शवों को काट दिए जाने के बाद से पहली बार शनिवार को सुबह 5 बजे से 10.30 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई थी। घटना से पहले दोनों इंफाल जिलों में कर्फ्यू में छूट की अवधि सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक थी। हालांकि, रविवार को कर्फ्यू में कोई ढील नहीं दी गई थी।

मणिपुर नगा निकाय ने शांति वार्ता संपन्न करने के लिए 9 अगस्त को विशाल रैलियों का आह्वान किया है। यूनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी) ने एक बयान में कहा कि बुधवार सुबह 10 बजे से तामेंगलांग, सेनापति, उखरूल और चंदेल जिलों के जिला मुख्यालयों में रैलियां आयोजित की जाएंगी।

इसमें कहा गया, "अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर करने में अत्यधिक देरी चिंता का कारण है और इससे शांति वार्ता पटरी से उतरने की संभावना है।" यूएनसी ने सभी नगाओं से बड़ी संख्या में रैलियों में भाग लेने की अपील की। इसमें कहा गया है कि 3 अगस्त, 2015 को केंद्र और एनएससीएन (आईएम) के बीच ऐतिहासिक फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर के साथ शांति प्रक्रिया में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।

मणिपुर में 3 मई को कुकी और मैतेई के बीच जातीय संघर्ष शुरू हुआ और पिछले तीन महीनों से जारी है, जिसमें अब तक 160 से अधिक लोगों की जान चली गई।