नई दिल्ली । भारतीय रेलवे ने बुजुर्ग यात्रियों को किराये में छूट न देकर अब तक 2,242 करोड़ रुपये की कमाई की है। गौरतलब है ‎कि रेलवे ने कोरोना महामारी के दौरान हो रहे नुकसान के चलते सीनियर सिटीजंस को मिलने वाली छूट बंद कर दी थी। लेकिन इससे अब रेलवे को भारी फायदा हुआ है। रेलवे ने फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में 2,242 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई की है। इस बात की जानकारी सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत एक आवेदन पर सामने आई। कोविड महामारी की शुरुआत के बाद बुजुर्ग यात्रियों को दी जाने वाली छूट सस्पेंड कर दी गई थी। कोरोना से पहले 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को रेल टिकट में 50 फीसदी तक की छूट मिलती थी। रेलवे ने 20 मार्च, 2020 से 31 मार्च, 2022 के बीच 1,500 करोड़ रुपये अधिक कमाए थे। हालांकि, स्थिति सामान्य होने के बाद लंबे समय से इसे बहाल करने की मांग की जा रही है लेकिन रेलवे ने अब तक इसे बहाल नहीं किया है। मध्य प्रदेश के चंद्रशेखर गौर के आरटीआई कानून के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में रेलवे ने कहा कि एक अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 के बीच उसने लगभग आठ करोड़ सीनियर सिटीजंस को छूट नहीं दी। इनमें 4.6 करोड़ पुरुष, 3.3 करोड़ महिलाएं और 18,000 ट्रांसजेंडर शामिल हैं। आरटीआई के जवाब के मुताबिक इस अवधि के दौरान सीनियर सिटीजंस से कुल राजस्व 5,062 करोड़ रुपये रहा, इसमें रियायत न देने के कारण अर्जित अतिरिक्त 2,242 करोड़ रुपये शामिल हैं। 
जानकारी के अनुसार सीनियर सिटीजंस के किराए से रेलवे को होने वाली कमाई में लगातार बढ़ोतरी हुई है। 20 मार्च 2020 से 31 मार्च 2022 के बीच रेलवे ने 7.31 करोड़ वरिष्ठ यात्रियों को रियायत नहीं दी। इनमें 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के 4.46 करोड़ पुरुष यात्री, 58 से अधिक उम्र की 2.84 करोड़ महिला यात्री और 8,310 ट्रांसजेंडर शामिल थे। सीनियर सिटीजन यात्रियों से मिला कुल राजस्व 2020-22 के दौरान 3,464 करोड़ रुपये था, जो उन्हें रियायत की पेशकश पर होने वाली आय के मुकाबले 1,500 करोड़ रुपये अधिक है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान, रेलवे ने पुरुष वरिष्ठ नागरिक यात्रियों से 2,891 करोड़ रुपये, महिला यात्रियों से 2,169 करोड़ रुपये और ट्रांसजेंडरों से 1.03 करोड़ रुपये कमाए। 
रेलवे नियमों के तहत महिला वरिष्ठ नागरिक यात्री 50 प्रतिशत रियायत के लिए पात्र हैं, जबकि पुरुष और ट्रांसजेंडर सभी श्रेणियों में 40 प्रतिशत का लाभ उठा सकते हैं। रियायत का लाभ उठाने के लिए महिला की न्यूनतम आयु सीमा 58 वर्ष है, जबकि पुरुष के लिए यह 60 वर्ष है। लेकिन देश में कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बाद मार्च 2020 से वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली रियायतें रोक दी गई थीं। उन रियायतों को अब तक बहाल नहीं किया गया है।