कंगाल पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े, हिंदू और सिखों को बनाया जा रहा निशाना
इस्लामाबाद । पाकिस्तान में आर्थिक और खाद्य संकट के बीच अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ते जा रहे हैं। कभी हिंदू को गोली मारी जा रही है, तब कभी सिख को मार जा रहा हैं। हिंदू लड़कियों के जबरन धर्मांतरण और जबरन निकाह के मामले भी तेजी से बढ़े हैं लेकिन पाकिस्तान सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। वहीं पाकिस्तानी सेना ने जिहादियों की भर्ती का काम भी शुरू कर दिया है।
वहीं पाकिस्तान में हिंदुओं की सरेआम हत्या की घटनाएं होती ही रहती हैं, अब पेशावर शहर में अज्ञात हमलावरों ने एक सिख कारोबारी की गोली मारकर हत्या कर दी है। पुलिस ने कहा कि मोटरसाइकिल पर सवार कुछ लोगों ने पेशावर के दीर कॉलोनी इलाके में एक व्यापारी दयाल सिंह पर गोलियां चला दीं। उन्होंने कहा कि हमलावर वारदात को अंजाम देने के बाद फरार हो गए। पुलिस ने घटनास्थल से 30 बोर के कारतूस बरामद किए हैं। यह वारदात कराची में अज्ञात हमलावरों द्वारा एक हिंदू डॉक्टर की गोली मारकर हत्या किए जाने के एक दिन बाद हुई है। पिछले हफ्ते सिंध प्रांत में रमजान अध्यादेश का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के दुकानदारों पर हमला किया गया था।
बता दें कि पेशावर में लगभग 15,000 सिख रहते हैं। इनमें से ज्यादातर प्रांतीय राजधानी पेशावर के जोगन शाह में रहते हैं। पेशावर में सिख समुदाय के अधिकांश सदस्य व्यवसाय करते हैं, जबकि कुछ दवा की दुकान चलाते हैं। पिछले साल सितंबर में पेशावर में अज्ञात बंदूकधारियों ने एक प्रसिद्ध सिख हकीम (यूनानी चिकित्सक) की उनके क्लिनिक के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी थी।
दूसरी ओर, हिंदुओं पर बढ़ते अत्याचारों का मुद्दा भी गर्माता जा रहा है। कराची में अल्पसंख्यक हिंदुओं के जबरन धर्म परिवर्तन और देश में हिंदू लड़कियों तथा महिलाओं के जबरन विवाह की समस्या पर ध्यान आकर्षित करने के लिए समुदाय के कई सदस्यों ने मार्च निकाला। हिंदू संगठन ‘पाकिस्तान दारावर इत्तेहाद’ (पीडीआई) ने कराची प्रेस क्लब के बाहर और सिंध विधानसभा भवन के प्रवेश द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया। पीडीआई के एक सदस्य ने कहा, हम खासकर ग्रामीण इलाकों में सिंधी हिंदुओं की इस समस्या पर ध्यान आकर्षित करना चाहते थे, जहां 12-13 साल की लड़कियों का दिन-दिहाड़े अपहरण कर लिया जाता है, उन्हें इस्लाम धर्म स्वीकार करने पर मजबूर किया जाता है और फिर किसी अधिक उम्र के मुस्लिम से उनका विवाह करा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन का कुछ प्रभाव देखने को मिला, क्योंकि बहुत से लोगों को इस अपराध के बारे में जानकारी भी नहीं थी। बहरहाल, उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें इस प्रदर्शन में और अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद थी।
प्रदर्शनकारी तख्तियां और बैनर लिए हुए थे, जिनमें सरकार से हिंदू लड़कियों और महिलाओं के जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ रुके हुए विधेयक को पारित करने का आग्रह किया गया था। हम आपको यह भी बता दें कि सिंध प्रांत के विभिन्न जिलों में हिंदू लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन का मामला 2019 में सिंध विधानसभा में उठाया गया था। इससे संबंधित एक प्रस्ताव पर बहस हुई थी और कुछ विधानसभा सदस्यों ने कहा था कि इस केवल हिंदू लड़कियों तक ही सीमित नहीं रखा जाना चाहिए, जिसके बाद संशोधन करके इस सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया था, लेकिन जबरन धर्मांतरण को अपराध ठहराने वाले विधेयक को बाद में विधानसभा में खारिज कर दिया गया था। इसी तरह का विधेयक फिर से पेश किया गया था, लेकिन 2021 में इस खारिज कर दिया गया।