इस्लामाबाद । पाकिस्तान अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट में फंसा हुआ है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या नकदी की तंगी वाला देश अपने कर्ज और उसके ब्याज को चुकाने में सक्षम होगा। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक स्टेट बैंक ऑफ पंजाब के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2022 तक पाकिस्तान सरकार का बाहरी कर्ज 17.87 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये था। वहीं 17 फरवरी 2023 को पाकिस्तान का शुद्ध विदेशी मुद्रा भंडार 3.2 अरब डॉलर था। इस बीच चीनी विकास बैंक ने पाकिस्तान को 700 मिलियन डॉलर का कर्ज देने का ऐलान किया है। इससे पाकिस्तान को डिफॉल्ट होने से कुछ दिनों की मोहलत जरूर मिल जाएगी, लेकिन खतरा पूरी तरह से टलेगा नहीं। पाकिस्तान को अगले 12 महीनों में लगभग 22 अरब डॉलर के विदेशी ऋण और ब्याज चुकाने होंगे।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने पाकिस्तान की संप्रभु क्रेडिट रेटिंग को सीएए1 से घटाकर सीएए3 कर दिया है। यह पिछले तीन दशकों में पाकिस्तान की सबसे कम रेटिंग है। वैश्विक रेटिंग एजेंसी ने कहा कि पाकिस्तान का तेजी से कम होता मुद्रा भंडार डिफॉल्ट होने के जोखिमों को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाती है। मूडीज ने पाकिस्तान के आउटलुक को भी नकारात्मक से स्थिर में बदल दिया। यह तब हुआ है, जब पाकिस्तान सरकार 1.1 लाख करोड़ डॉलर के ऋण के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ बातचीत कर रही है। यह बातचीत पिछले साल के अंत से लंबित है।
मूडीज का अनुमान है कि जून 2023 को खत्म होने वाले शेष वित्तीय वर्ष के लिए पाकिस्तान की बाहरी पैसों की जरूरत लगभग 11 बिलियन डॉलर होगी। इसमें 7 बिलियन डॉलर का बकाया बाहरी ऋण भुगतान भी शामिल है। पाकिस्तानी एक्सपर्ट्स के अनुसार देश का चालू खाता घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच आयात में कमी होने से सप्लाई चेन के ठप पड़ने की आशंका बढ़ गई है। आयात पर प्रतिबंधों से पाकिस्तान में जरूरी वस्तुओं की कमी भी होने लगी है। लोगों के पास अनाज, तेल, साबुन के अलावा अब दवाइयों की भी किल्लत है।
कर्ज के बोझ तले दबे पाकिस्तान का चीन के बैंकों से कर्ज लेना जारी है। पिछले हफ्ते चीन विकास बैंक (सीडीबी) के बोर्ड ने बुधवार को पाकिस्तान के लिए 700 मिलियन डॉलर की क्रेडिट सुविधा को मंजूरी दी। गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार चीन का पाकिस्तान पर 30 अरब डॉलर का कर्ज है, जो पहले से ही इस्लामाबाद ने चीनी सरकार और चीनी वाणिज्यिक बैंकों से लिया है। मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान पर डिफॉल्ट जोखिम बढ़ रहा है। पाकिस्तान को अगले 12 महीनों में लगभग 22 अरब डॉलर के विदेशी ऋण और ब्याज चुकाने होंगे।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान को एक साल में कुल 21.95 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है। इसमें कुल कर्ज के मूलधन में 19.34 अरब डॉलर और ब्याज में 2.60 अरब डॉलर की रकम शामिल है। एसबीपी डेटा में अगले 12 महीनों में कोई विदेशी ऋण प्रवाह नहीं होने का अनुमान लगाया गया है। इससे पाकिस्तान का आर्थिक संकट और ज्यादा गहरा सकता है। पाकिस्तान को अपनी स्थिति सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे और कर्ज लेने से बचना होगा। मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023 के पहले सात महीनों के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह 44.2 प्रतिशत घटकर 683.5 मिलियन डॉलर रह गया। यह पिछले साल इसी अवधि में 1.22 बिलियन डॉलर था। पाकिस्तान में सरकार का वित्तीय वर्ष की शुरुआत 1 जुलाई से होता है और 30 जून को समाप्त होता है।