बेंगलुरु । कर्नाटक के बीजेपी के दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि वे इस साल के अंत में होने वाले राज्य चुनावों से पहले चुनावी राजनीति छोड़ने के अपने फैसले से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि यह यह कदम उठाने का फैसला पूरी तरह से उनका अपना था और उन्हें मजबूर नहीं किया गया था।
उन्होंने एक समाचार चैनल से कहा, मैंने कर्नाटक के लोगों से कहा, मैं राजनीति से संन्यास नहीं ले रहा हूं। मैं थका नहीं हूं, मैं प्रचार करूंगा और बीजेपी को सत्ता में लाऊंगा। मैं राज्य का दौरा करूंगा। बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलेगा, चुनावी राजनीति छोड़ना मेरा फैसला था, किसी ने मुझे मजबूर नहीं किया। मैं लोगों को समझाऊंगा कि मैंने यह फैसला क्यों लिया। 
लिंगायत समुदाय के प्रभावशाली नेता ने कहा कि, मैंने (बसवराज) बोम्मई को स्थान देने के लिए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। चुनावी राजनीति में मेरी अनुपस्थिति एक चुनौती है और बीजेपी को इन चुनौतियों का सामना करना चाहिए। मैं चुनाव नहीं लड़ने के अपने फैसले से पीछे नहीं हटूंगा। 
उन्होंने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कटील के 18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान और हिंदुत्व के विचारक वीडी सावरकर को मतदाताओं के ध्रुवीकरण की रणनीति के रूप में देखने के विचार की भी आलोचना की।
उन्होंने कहा, मैं टीपू बनाम सावरकर की कहानी से सहमत नहीं हूं। यह टीपू बनाम सावरकर नहीं है, बल्कि बीजेपी की नीतियों और योजनाओं की कहानी बनेगी।