समस्त आईजी/पुलिस कमिश्नर, डीआईजी/एडिशनल सीपी, एसपी/डीसीपी, एएसपी/एडिशनल डीसीपी, एसडीओपी/असिस्टेंट सीपी तथा थाना/चौकी प्रभारियों ने की पैदल गश्त।

डीजीपी  सुधीर सक्सेना ने भी की भोपाल में दो घण्टे पैदल गश्त।

बेसिक पुलिसिंग को बढ़ावा देने के लिए की गयी कार्यवाही।

भोपाल,  आज शाम के समय व्यस्ततम सड़कों, बाजारों तथा अन्य स्थानों पर पुलिस की पैदल गश्त बेसिक पुलिसिंग का महत्वपूर्ण पहलू है। पिछले समय से यह अनुभव किया जा रहा है कि पुलिसिंग की इस महत्वपूर्ण विधा में अधिक सक्रियता लाने की आवश्यकता है।

   

  डीजी कॉफ्रेंस में भी इस बात का उल्लेख किया गया था। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा भी हाल ही में 12 नंबर मल्टी में कार्यक्रम के दौरान कहा गया था कि शाम के समय पुलिस दृश्यता अधिक होना चाहिए। इसी तारतम्य में शनिवार 30 जुलाई को डीजीपी सक्सेना के निर्देश पर पूरे प्रदेश में पैदल भ्रमण अभियान चलाया गया। इस दौरान शनिवार शाम के 6 से 8 बजे तक प्रदेश के सभी जोन के आईजी/पुलिस कमिश्नर, डीआईजी/एडिशनल सीपी, एसपी/डीसीपी, एएसपी/एडिशनल डीसीपी, एसडीओपी/ असिस्टेंट सीपी तथा लगभग एक हजार थानों के प्रभारी एवं 550 चैकियों के चैकी प्रभारी  पैदल गश्त पर निकले।

   

  पुलिस अधिकारियों ने भ्रमण के दौरान पुलिस व्यवस्था का जायजा लिया। भोपाल में डीजीपी सक्सेना ने अधिकारियों के साथ लगभग दो घण्टे तक कोतवाली थाना से पीरगेट, चौक बाजार, इतवारा चौराहा, मंगलवारा, घोड़ा नक्कास, नादरा बस स्टेण्ड, हनुमानगंज, टीलाजमालपुरा, गौतमनगर तथा शाहजहांनाबाद थाने तक पैदल भ्रमण किया। ज्ञातव्य है कि यह इलाका कानून व्यवस्था की दृष्टि से संवेदनशील है तथा सभी महत्वपूर्ण त्यौहारों पर जुलूस एवं चल समारोह यहीं से गुजरते हैं।

     

पूरे प्रदेश में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अपने अपने जिलों में भीड़ भाड़ वाले एवं संवेदनशील क्षेत्रों में पैदल गश्त की गई। पैदल गश्त के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आमजन से जनसंवाद भी किया गया।  पैदल गश्त कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आम लोगों में सुरक्षा की भावना सुदृढ़ करना, आम लोगों के बीच पुलिस की उपलब्धता एवं दृश्यता सुनिश्चित करना है। इस तरह की पैदल गश्त पूरे प्रदेश में नियमित अंतराल पर सुनिश्चित की जायेगी।