अमरावती । महाराष्ट्र के अमरावती में केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या के बाद नागपुर पुलिस की साइबर सेल ने सोशल मीडिया पर नफरत भरे संदेश पोस्ट करने और समर्थन करने के लिए लगभग 300 लोगों को चेतावनी जारी की है। इनमें कई पोस्ट ऐसे हैं जिनको लेकर साइबर सेल को शिकायत मिले थे। इसके अलावा साइबर यूनिट की सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल की ओर से लोगों के पोस्ट पर नजर भी रखी जा रही है। पुलिस का कहना है कि अगर इन पोस्ट से जल्द से जल्द नहीं निपटा जाता तो कोई अप्रिय घटनाएं हो सकती थी। पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया कि शहर पुलिस (साइबर यूनिट) के सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल' ने उन संदेशों को देखा और आपत्तिजनक पोस्ट के बारे में शिकायतें प्राप्त करने के बाद इस तरह की कार्रवाई की गई है। पोस्ट और संदेशों के संबंध में जानकारी हासिल करने के बाद पुलिस ने लगभग 75 व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन को चेतावनी दी, जिसकी वजह से 86 आपत्तिजनक संदेशों को हटा दिया गया। इसके साथ-साथ चार स्थानीयों के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है। कुमार के अनुसार, पुलिस ने यह भी सुनिश्चित किया है कि संबंधित एजेंसियों के साथ बराबर संपर्क के माध्यम से ट्विटर हैंडल और फेसबुक पेज सहित 10 सोशल मीडिया खातों को या तो बंद कर दिया गया है या फिर उनको निलंबित करने का प्रस्ताव भेजा गया है। उदयपुर और अमरावती की घटना के बाद साइबर यूनिट ने कार्रवाई तेज कर दी है। नागपुर से सटे अमरावती में कोल्हे की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने वाली बीजेपी की निलंबित नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट करने के बाद की गई थी। पिछले महीने, 22 साल के एक युवक और उसके परिवार के सदस्यों को एक सोशल मीडिया ग्रुप पर नूपुर शर्मा का समर्थन करने के लिए एक विशेष समुदाय की ओर से धमकी मिलने के बाद शहर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था। परिवार करीब दो सप्ताह तक नागपुर इलाके के देशपांडे लेआउट में रहा उसके बाद घर वापसी हुई है।