ग्वालियर ।   एमआइटीएस (माधव इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी एंड साइंस) के प्रोफेसर के घर डकैती डालने वालों तक पुलिस पहुंच गई है। महज 24 घंटे में पुलिस ने घटना को अंजाम देने वालों की घेराबंदी कर ली है। प्रोफेसर के घर गाड़ी धोने वाला ही मास्टरमाइंड निकला है। उसी ने रैकी की और हजीरा के बदमाशों को पूरी टिप दी। हजीरा के बदमाशों ने अपने साथियों के साथ मिलकर डकैती की सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया। इस पूरी वारदात में हजीरा स्थित चार शहर के नाके का कुख्यात बदमाश मुख्य भूमिका में रहा है। हालांकि डकैती की वारदात के खुलासे को लेकर पुलिस अफसर अभी कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। एसएसपी अमित सांघी का कहना है- कई अहम सुराग लुटेरों के बारे में मिले हैं, अगले 24 घंटे में इस पूरी घटना का पर्दाफाश कर दिया जाएगा। देर रात तक अलग-अलग थाने और क्राइम ब्रांच की टीमें घटना में शामिल बदमाश व लूटे गए माल की बरामदगी में लगी थी। दो टीम झांसी में भी डेरा डाले हुए हैं, झांसी के भी कुछ बदमाशों का सुराग मिला है। गाेला का मंदिर स्थित पंचशील नगर में रहने वाले एमआइटीएस के प्रोफेसर डा. शिशिर दीक्षित के घर में घुसकर हथियारबंद बदमाशों ने सोमवार को एक करोड़ से ज्यादा का पुश्तैनी सोना और 60 हजार रुपये का डाका डाला था। दिनदहाड़े हुई इस डकैती की घटना से पुलिस अफसर सन्न रह गए थे। ग्वालियर जोन के एडीजी डी. श्रीनिवास वर्मा, एसएसपी अमित सांघी खुद मौके पर पहुंचे। घटना की चश्मदीद महिलाओं से बात की। इसके बाद एसएसपी ने खुद इसकी पड़ताल की जिम्मेदारी ली। उन्होंने ने एएसपी राजेश दंडोतिया, एएसपी अभिनव चौकसे के नेतृत्व में पांच टीम गठित कीं। सीएसपी मुरार ऋषिकेष मीणा, डीएसपी रत्नेश सिंह तोमर, डीएसपी विजय सिंह भदौरिया, सीएसपी महाराजपुरा रवि भदौरिया, टीआइ संतोष यादव की टीम इस पर काम कर रही थीं।

हजीरा के बदमाश ने बनाया प्लान, झांसी से साथी बुलाएः

हजीरा के बदमाश ने इस पूरे डकैती के कांड का ताना-बाना बुना और हथियार की व्यवस्था की। प्रोफेसर के घर की पूरी जानकारी इन्हें मिल चुकी थी। उसी समय घर में घुसे, जिस समय प्रोफेसर घर पर नहीं थे। इस पूरी घटना से डा. दीक्षित और उनका परिवार बुरी तरह डरे हुए हैं। दीक्षित ने बताया कि उनकी बेटी अभी भी सदमे में है। वह इस पूरी घटना को भूल नहीं पा रही। उनकी वृद्ध मां भी उसी घटना को याद कर सहम उठती हैं। पुलिस की पांच टीमों ने डकैती होने के बाद सोमवार पूरी रात कैमरे देखे। इसके बाद सुबह से टीम तलाश में लग गई। शहर के ही एक टीआइ ने लुटेरे की पहचान कर ली। एक लुटेरे की पहचान होने के बाद पुलिस ने उसके साथी उठाए, इनसे पूछताछ की तो उसका ठिकाना मिला। इस तक पहुंचने के बाद वारदात का पर्दाफाश हो गया।

200 से ज्यादा कैमरे देखे, एक बदमाश की हुई पहचानः

एसएसपी सुबह नौ बजे पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे। उन्होंने खुद 200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाले, यहां एक बदमाश की पहचान हो गई। बदमाश की पहचान होते ही पुलिस को सुराग लगा और उसकी तलाश शुरू कर दी गई। शाम को पुलिस ने इसे पूछताछ के लिए उठा लिया। पुलिस ने शाम तक 30 से ज्यादा संदेहियों से पूछताछ की, जिसमें वारदात खुल गई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जब कहानी खुली तो सामने आया, प्रोफेसर के घर रोज आने-जाने वाला ही रैकी में शामिल था। हजीरा का बदमाश उसके संपर्क में था, फिर पूरी योजना बनाई गई और पूरी प्लानिंग के साथ डाका डाला गया। रात तक पुलिस दूसरे बदमाशों को पकड़ने लगातार दबिश दे रही थी। सूत्रों के मुताबिक इस वारदात में अजय उर्फ टोपी, कान्हा कोली, संजू नाम के बदमाश व इनके साथी शामिल हैं। इसमें से एक आटो चालक है, वहीं लूट करने वाले सभी शातिर अपराधी हैं। इस पूरे कांड में सूत्रों का कहना है- 10 से ज्यादा आरोपित शामिल हो सकते हैं। घटना को छह ही बदमाशों ने अंजाम दिया लेकिन प्लानिंग में दस से ज्यादा आरोपित हैं। इनसे लूटा गया माल बरामद करने में भी पुलिस लगी है।


वर्जन-

डकैती की वारदात में काफी अहम सुराग मिले हैं, जिन पर टीमें लगातार काम कर रही हैं। जल्द ही घटना का पर्दाफाश कर देंगे।

डी. श्रीनिवास वर्मा, एडीजी, ग्वालियर जोन