दमोह  पूर्व मंत्री राजा पटेरिया का एक विवादास्पद बयान सामने आया है। उन्होंने दमोह में आदिवासियों का पक्ष लेते हुए पुलिस अधिकारियों को धमकी दी कि यदि न्याय नहीं मिला, तो इन आदिवासियों को नक्सली बना देंगे। पटेरिया कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे हैं।

पटेरिया आदिवासी वनवासी दलित संघ का संचालन करते हैं। इसके तहत वे दमोह और पन्ना जिले के रेपुरा गांव में सदस्यता अभियान के लिए जगह-जगह पहुंच रहे हैं। आदिवासियों ने बुधवार को उन्हें बताया कि वन विभाग ने पुलिस की मदद से वन भूमि पर खड़ी उनकी फसलों को बर्बाद कर दिया है। उनकी महिलाओं के साथ बदसलूकी भी की है। इस पर पूर्व मंत्री पटेरिया को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने मौके से ही उस क्षेत्र के रेंजर, डिप्टी रेंजर और रैपुरा थाना प्रभारी को फोन लगाकर खरी-खोटी सुना डाली।

पूर्व मंत्री बोले, इसीलिए पनप रहा नक्सलवाद

रेपुरा थाना प्रभारी से फोन पर बात करते हुए पूर्व मंत्री पटेरिया ने कहा कि क्षेत्र के आदिवासी जो 2005 के पहले से जंगल की जमीन पर काबिज हैं और खेती करके अपनी रोजी-रोटी चला रहे हैं, उन्हें हटाना गलत है। इस तरह आदिवासियों को परेशान करना, उनकी महिलाओं से मारपीट करना कानूनन गलत है। संसद में कानून पारित किया गया है कि जो भी आदिवासी 2005 के पहले से वन भूमि पर काबिज हैं, उनको उसका पट्टा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि बस्तर और आंध्र प्रदेश में नक्सलवाद पनप रहा है। क्योंकि आदिवासियों को न्याय नहीं मिलेगा तो उन्हें मजबूरी में हथियार उठाने पड़ेंगे।

सरकारी कार्यालयों में जाकर तालाबंदी करेंगे

नक्सलवाद वाले बयान पर पूर्व मंत्री पटेरिया का कहना है कि आदिवासियों के साथ अन्याय हो रहा है। उनकी फसलें बर्बाद की गईं, महिलाओं के साथ मारपीट की गई। इसलिए उन्होंने कहा था कि आदिवासियों के साथ इस तरह का अन्याय ही नक्सलवाद को जन्म देता है। उन्होंने उस क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस से कहा है कि यदि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वे गांव के सैकड़ों लोगों के साथ उस क्षेत्र के सभी सरकारी कार्यालयों में जाकर तालाबंदी करेंगे।

कौन हैं राजा पटेरिया

पटेरिया 1998 से 2003 तक दिग्विजय की कांग्रेस सरकार में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हैं। समय-समय पर विधानसभा प्रत्याशी के लिए दावेदारी भी करते रहते हैं। चुनाव के समय कांग्रेस की जनसभाओं में वक्ता के रूप में शामिल होते हैं।